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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी थी लोक सेवा की 'गारंटी'...अपने ही गृह जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग - राजस्थान सरकार

राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2011 (Public Service Guarantee Act 2011) लाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया. लेकिन आज मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं.

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लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011

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Published : Jul 3, 2021, 4:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 2011 में 'राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम- 2011' के जरिये नागरिकों को बड़ा तोहफा दिया था.

इस अधिनियम के तहत सरकार के 15 विभागों की 108 सेवाओं को कानून के दायरे में लाकर जवाबदेह बनाया गया. आम जन को अपने काम तय समय सीमा में पूरा करवाने और काम नहीं होने की दशा में संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की शिकायत करने का अधिकार मिला.

अधिनियम का उद्देश्य सुशासन लागू करना

इन 10 वर्षों में इस अधिनियम का नागरिकों ने लाभ भी उठाया. राजस्थान सरकार ने कानून का दायरा बढ़ाते हुए अब तक 27 विभागों की 287 सेवाओं को इस अधिनियम के दायरे में शामिल किया है.

2011 में अधिनियम आने के बाद से 31 मई 2021 तक लोक सेवा से जुड़े 8 करोड़ 80 लाख 55 हजार 985 आवेदन मिले, इनमें से 8 करोड़ 79 लाख 73 हजार 761 मामले निस्तारित किए गए. हालांकि अब तक सिर्फ 82 हजार 424 आवेदन लंबित हैं.

क्या है इस गारंटी अधिनियम में

नागरिकों को सुशासन देने के लिए राजस्थान सरकार ने अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और सेवाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर आम जन तक सुगमता से मुहैया कराने के लिए 2011 में 'राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारन्टी अधिनियम लागू किया. शुरू में इसमें 15 विभागों की 108 सेवाओं को जोड़ा गया था, जबकि अब इसके दायरे में 27 विभागों की 287 सेवाओं को शामिल किया गया है.

लंबित प्रकरणों की शिकायतें

समयावधि के बाहर लंबित प्रकरण दिसंबर 2020 तक 3574, जनवरी 2021 तक 3318, फरवरी 2021 तक 1768, मार्च 2021 तक 1545, अप्रैल 2021 तक 2126 और मई 2021 तक 2152 रहे.

लंबित प्रकरणों में कुल अपील आवेदन 842, प्रथम अपील 760, द्वितीय अपील 82, शास्ति एवं प्रकरण 39 और शास्ति ब्याज के 4152 मुकदमे हैं.

चौंकाने वाली बात यह भी है गारंटी के बावजूद तय समय पर काम न होने के मामलों में अफसरों पर महज 31 हजार 750 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. अधिनियम के तहत तय समय पर काम न हो तो जिम्मेदार अधिकारी पर 500 से 5000 रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है.

जिलेवार समय सीमा से बाहर लंबित शिकायतें

जिलेवार लंबित शिकायतें

इन सभी जिलों में यूडीएच, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व एवं उपनिवेशन, नगरीय विकास, गृह विभाग और वित्त विभाग से जुड़े प्रकरण लंबित चल रहे हैं.

शिकायतें और निस्तारण

लोकसेवा में शिकायतें और निस्तारण

अधिनियम के उद्देश्य

अधिनियम के उद्देश्य

अधिनियम के प्रावधान

  • राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम, 2012 (RTH Act-2012) लागू हुआ. जिसमें प्रावधान किया गया कि लोक सुनवाई अधिकारी आवेदक को अधिकतम 15 दिन में सुनवाई का अवसर देंगे
  • प्रथम अपील के 30 दिन में आवेदक की शिकायत को निस्तारित करना होगा
  • द्वितीय अपील में 30 दिन का अवसर मिलेगा
  • तय समय पर काम न होने पर संबंधित अधिकारी पर 500 से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा
    2011 में अशोक गहलोत सरकार लाई थी अधिनियम

गहलोत सरकार ही लाई थी अधिनियम

कांग्रेस शासन में 14 नवंबर, 2011 को राजस्थान लोक सेवा प्रदान करने की गारंटी अधिनियम-2011 को लागू किया गया था. सरकार ने 15 विभागों की 108 सेवाओं को अधिनियम के दायरे में रखा. वर्तमान में 27 विभागों की 287 सेवाओं को इसमें शामिल किया गया है.

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