राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

राजस्थान में अब 45 दिन में देनी होगी अनुकंपा नियुक्ति, नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी, कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

राजस्थान में अनुकंपा नियुक्ति को लेकर परेशान होने वाले परिजनों के लिए राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कार्मिक विभाग ने आज इसको लेकर विस्तृत गाइड लाइन जारी करते हुए विभागवार नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं, अब आवेदन के 45 दिन के भीतर अनुकंपा नियुक्ति देनी होगी, जिसकी जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की होगी.

45 दिन में देनी होगी अनुकंपा नियुक्ति, Rajasthan News
45 दिन में देनी होगी अनुकंपा नियुक्ति

By

Published : Jul 16, 2021, 4:37 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत की मंशा अनुसार विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का समुचित निपटारे के लिए डीओपी ने राज्य नोडल अधिकारी और केस प्रभारी की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. डीओपी ने परिपत्र जारी करके निर्देश दिए हैं कि इसके बावजूद प्रकरणों में देरी होने पर जिम्मेदारी नोडल अफसर और केस प्रभारी की होगी.

दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुकंपा नियुक्ति में बड़ी राहत देते हुए नोडल अधिकारी विभाग वार नियुक्त करने के निर्देश दिए थे. सीएम गहलोत ने इस बात को लेकर भी कहा था कि कर्मचारी और अधिकारियों की लेटलतीफी की वजह से मृतक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है. सीएम गहलोत ने यह भी कहा था कि किसी परिवार का घर चलाने वाला व्यक्ति दुनिया छोड़कर चला जाए और उसके बाद उसके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए दफ्तरों के चक्कर बार-बार काटने पड़ें इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता.

यह भी पढ़ेंःकांग्रेस का हल्ला बोल : संगठन के साथ साइकिल लेकर सड़कों पर उतरी गहलोत सरकार की लगभग पूरी कैबिनेट, सबने एक सुर में कही ये बात

कार्मिक विभगा ने ये आदेश दिए हैं कि विभाग वार नोडल अधिकारी होगा. नोडल अधिकारी अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े प्रकरणों का ब्योरा संधारित करेगा और किसी राजकीय कर्मी की सेवाकाल में मौत होने पर केस प्रभारी नियुक्त करेगा. इसके साथ ही HOD और केस प्रभारी मृतक के परिवारजनों को अनुकंपा नियुक्ति के नियम और आवेदन की प्रक्रिया बताना सुनिश्चित करेंगे. वहीं, 1 पात्र आश्रित की ओर से नियमों के तहत तय समय में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन सुनिश्चित करेंगे. HOD स्तर से जारी होनेवाले आदेश/प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज भी तैयार करेंगे. विभाग से आवेदन लेने पर उसकी सारी जांच करना और आवेदन में कमी को 30 दिन में पूर्ण करवाने की भी जिम्मेदारी होगी. डीओपी से मार्गदर्शन/अनुमति लेनी हो तो तालमेल करते हुए उसे शीघ्र लेने की जिम्मेदारी भी होगी. इसके साथ ही आवेदन बाद सक्षम स्तर से अनुमोदन करवाकर 45 दिन में नियुक्ति देनी होगी.

यह भी पढ़ेंःहल्दीघाटी में बदलेगा महाराणा प्रताप का इतिहास, कांग्रेस की आपत्ति, बीजेपी ने किया स्वागत

वहीं, केस प्रभारी आवेदन के बारे में परिजनों को जानकारी देंगे. आवेदन पत्र देंगे, सतत संपर्क में रहकर पात्र आश्रित से तय समय में आवेदन लेंगे. आवेदन के समय HOD स्तर पर जरूरी औपचारिकताएं पूरी करवाएंगे. आवेदन में कमी को खुद की पहल पर दूर करवाएंगे. आवेदन पर 15 दिन में आवेदन पूरा कराते हुए HOD ऑफिस को भेजने सुनिश्चित करेंगे. HOD के जरिये नोडल अधिकारी के संपर्क में रहेंगे. नोडल अधिकारी की ओर से बताए जाने पर आवेदन की कमी को तुरंत पूर्ति कराएंगे और नियुक्ति आदेश होने पर मृत कर्मचारी आश्रित को सूचित करेंगे. ऐसे प्रकरणों का समय पर निस्तारण न होने और अनावश्यक देरी होने पर जिम्मेदारी केस प्रभारी और नोडल अफसर की होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details