जयपुर. प्रदेश की सरकार को खाटूश्याम मंदिर में हाल ही हुए हादसे के बाद जोधपुर के मेहरानगढ़ में हुए हादसे के पीड़ितों की याद आ गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हादसे के पीड़ितों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए एक समिति बनाने के निर्देश दिए (Committee for Mehrangarh Fort Tragedy) हैं. यह हादसा साल 2008 में हुआ था. इसमें 216 लोगों की मौत हो गई (Mehrangarh Fort Tragedy 2008) थी.
गहलोत ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राज्य में विभिन्न स्थानों पर मेलों और त्यौहारों में सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में बैठक ली. इस दौरान गहलोत ने कहा कि मेहरानगढ़ स्थित मंदिर में वर्ष 2008 में हुए हादसे में पीड़ित परिवारों की वर्तमान स्थिति जानी जाए. उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए. यह समिति मेहरानगढ़ दुखांतिका में मारे गए 216 लोगों के परिजनों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करेगी.
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मजबूत कॉरिडोर बने : उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में पैदल यात्रियों के लिए मजबूत कॉरिडोर बनाकर उनकी पालना सुनिश्चित कराई जाए. धार्मिक स्थलों की कमेटियों को सभी तरह की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएं.
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धर्मगुरूओं और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ करें बैठकें: मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से नियमित रूप से धार्मिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों और धर्मगुरूओं के साथ बैठकें आयोजित कर सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाए, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके. बैठकों में प्रशासन से उनकी व्यवस्थाओं के संबंध में अपेक्षाओं पर भी विस्तृत चर्चा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी मेलों से पूर्व और मेलों के दौरान व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करें.
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गहलोत ने सीकर के खाटूश्याम जी मंदिर में हुई घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया (stampede in Khatu Shyam Mandir) है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के धार्मिक स्थल पूरे देश में आस्था के केंद्र हैं. यहां के धार्मिक स्थलों में सालाना उत्सव, मेलों के अलावा भी हर माह लाखों की संख्या में राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने आते है. गहलोत ने धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए.