जयपुर. सूचना के अधिकार के तहत अपने एक शिकयती पत्र पर कार्रवाई की जानकारी मांग रहे एक नागरिक को जवाब देने में अजमेर नगर निगम ने बहुत लम्बा वक्त लिया. आयोग ने निगम आयुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. आयोग ने भवानी मंडी नगर पालिका के ईओ पर सूचना अधिकार कानून की अनदेखी करने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा निगम ने जवाब देने में असाधारण देरी की है. यह गंभीर मामला है.
अजमेर के नाथू सिंह ने 30 मई 2018 को अर्जी दाखिल कर निगम से अपने शिकायती पत्र पर की गई कार्रवाई की जानकारी चाही थी, लेकिन निगम ने इस पर कोई गौर नहीं किया. उन्होंने महापौर धर्मेंद्र गहलोत के पास अपील दायर की तो महापौर ने 17 सितंबर 2018 को सुनवाई के बाद निगम को पंद्रह दिन में वांछित सूचना मुहैया कराने का आदेश दिया, लेकिन निगम प्रशासन ने महापौर के आदेश को भी कोई महत्व नहीं दिया. इस पर परिवादी ने राज्य सूचना आयोग में गुहार लगाई. आयोग ने नाथू सिंह की अपील पर जब निगम से जवाब तालाब किया तो निगम जवाब देने से बचता रहा. सूचना आयुक्त ने इसे गंभीर माना और निगम आयुक्त पर दस हजार रुपए जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.