जयपुर. परिवहन विभाग राजस्थान सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में प्रमुख विभाग है, लेकिन बीते कुछ दिनों में परिवहन विभाग के निरीक्षक और गार्ड के वीडियो वायरल होने के मामले से विभाग की छवि खराब हो रही है और विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं. हालांकि विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि वीडियो के आधार पर कौन भ्रष्टाचार कर रहा है और कौन गलत है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकती है. ऐसे में जो गलत होता है, विभाग उस पर कार्रवाई भी कर रहा है. वहीं कुछ अधिकारियों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है.
परिवहन विभाग में एक इससे पहले भी कई बार हो चुके हैं. बीते साल तो एक ऐसा मामला भी आया था, जब सरकार के सवाई माधोपुर से विधायक दानिश अबरार द्वारा भी परिवहन विभाग की अवैध वसूली का वीडियो वायरल किया गया था. हालांकि जब परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी से हाल ही में वायरल हुए 3 वीडियो के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि वीडियो के आधार पर कौन गलत है, कौन सही, यह तय करना आसान नहीं है.
परिवहन आयुक्त ने कहा कि नागौर का जो मामला सामने आया था, उसमें इंस्पेक्टर का रुख या उसका जो भी मतलब था, सामने दिखाई दे रहा था. वह गलत था, जिसे देखते हुए विभाग ने तुरंत उस इंस्पेक्टर को एपीओ कर दिया था. परिवहन आयुक्त ने कहा कि यह गलत सूचना है कि मंत्री के ट्वीट के बाद विभाग ने एक्शन लिया. मंत्री जी के ट्वीट के बाद विभाग ने निलंबित किया था.