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पंच-सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन सर्टिफिकेट जारी करने पर आयोग ने लगाई रोक

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार घोषित कार्यक्रम 26 दिसंबर 2019 के अनुसार प्रथम चरण के लिए नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने का कार्य 8 जनवरी 2020 को हो चुका है. इस नाम निर्देशन पत्रों की जांच और नाम वापसी का कार्य 9 जनवरी 2020 रखी गई है. जांच और नाम वापसी के उपरांत ग्राम पंचायतों में पंच और सरपंच के पद पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति आ सकती है.

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पंच-सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन सर्टिफिकेट पर लगी रोक

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Published : Jan 9, 2020, 9:23 PM IST

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए पंच और सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रथम चरण की 3,847 ग्राम पंचायतों में निर्विरोध पंच-सरपंच चुने जाने पर परिणाम की घोषणा नहीं करने के आदेश दिए हैं.

पंच-सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन सर्टिफिकेट पर लगी रोक

साथ ही प्रत्याशियों को निर्वाचन प्रमाणपत्र भी नहीं देने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने निर्देशों की पालना के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह आदेश जारी किया.

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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार घोषित कार्यक्रम 26 दिसंबर 2019 के अनुसार प्रथम चरण के लिए नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने का कार्य 8 जनवरी 2020 को हो चुका है.बता दें कि निर्देशन पत्रों की जांच और नाम वापसी का कार्य 9 जनवरी 2020 रखी गई है. जांच और नाम वापसी के उपरांत ग्राम पंचायतों में पंच और सरपंच के पद पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति आ सकती है.

जब तक आयोग की तरफ से पुनर्गठन ग्राम पंचायतों का काम पूरा नहीं हो जाता या आयोग द्वारा इन ग्राम पंचायतों की कार्यक्रम जारी नहीं करते थे तब तक इन सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच और पंच जिनका निर्वाचन निरोध होगा उसके सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक रहेगी.

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ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए आयोग ने निर्देश दिया है कि ऐसे पंचायत समितियों जिनकी किसी भी ग्राम पंचायतों का नवसृजन या पुनर्गठन पंचायती राज विभाग की अधिसूचना 1 दिसंबर 2019 एवं इसके पश्चात जारी अधिसूचना के द्वारा किया गया है.

सभी के लिए निर्वाचन में निर्विरोध निर्वाचन के परिणाम की घोषणा नहीं की जाए और उस अभ्यार्थी को निर्वाचन का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाए,आयोग के निर्देश की पालन के लिए सभी रिटर्न अधिकारियों को दिशा निर्देश प्रदान किए हैं.

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