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हद कर दी आपने : जिस स्कूल में बच्चों के बैठने की जगह तक नहीं, वहां शुरू करेंगे कॉलेज...

जयपुर के सांगानेर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में सरकार कॉलेज खोलने जा रही है. स्कूल में कुल 1950 विद्यार्थी अध्यनरत हैं और सिर्फ 25 क्लासरूम उपलब्ध हैं. हालत ऐसी है, कि बच्चों तक को पेड़ के नीचे पढ़ाया जा रहा है. सवाल उठ रहा है, कि अगर कॉलेज खुल जाएगा तो स्कूली बच्चे कहां जाएंगे.

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जयपुर के इस स्कूल में सरकार खोलने जा रही कॉलेज

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Published : Feb 19, 2020, 9:41 PM IST

जयपुर.राजधानी के सांगानेर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए क्लासरूम नहीं है और राजस्थान सरकार उसी स्कूल में सरकारी कॉलेज खोलने जा रही है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. अशोक कुमार के जारी किए आदेशों के मुताबिक फिलहाल सरकारी कॉलेज को अस्थायी रूप से सरकारी स्कूल में चलाया जाएगा.

जयपुर के इस स्कूल में सरकार खोलने जा रही कॉलेज

सांगानेर के सरकारी स्कूल की हालत ऐसी है कि बच्चों तक को पेड़ के नीचे पढ़ाया जा रहा है और अगर कॉलेज खुल जाएगा तो स्कूली बच्चे कहां जाएंगे. ईटीवी भारत ने जब सांगानेर स्कूल के हालात जानने पहुंची तो स्कूल के खेल मैदान में छोटे बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ाया जा रहा था. वहीं, बड़ों बच्चों की परीक्षा ली जा रही थी. ऐसे हालातों के बीच सरकार कॉलेज खोलने जा रही है.

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स्कूल के प्राचार्य राकेश शर्मा ने बताया कि स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए क्लासरूम की कमी है. अगर स्कूल को दो परियों में चलाया जाता है तो कॉलेज चलाना संभव होगा, नहीं तो मुश्किल है. दूसरी ओर, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार उसी का चयन करेगी, जो जगह उपयुक्त होगी.

1950 बच्चे अध्ययनरत, 25 क्लासरूम

सांगानेर सरकारी स्कूल में कुल 1950 विद्यार्थी अध्यनरत हैं और सिर्फ 25 क्लासरूम उपलब्ध है. विद्यार्थियों की संख्या के मुताबिक 30 क्लासरूम की आवश्यकता है. नियमों के मुताबिक कक्षा 1 से 5 तक में 30 विद्यार्थी क्लासरूम में बैठे सकते हैं, लेकिन पहली क्लास को छोड़कर सभी क्लास में 30 विद्यार्थी से ज्यादा बच्चें पढ़ रहे हैं. कक्षा 6 से 8 तक 35 बच्चे क्लासरूम में बैठ सकते हैं. कक्षा 9 से 12वीं में भाग बना रखे है. क्लासरूम की कमी होने के चलते सभी स्टूडेंट्स एक ही क्लास में बैठते है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ अशोक कुमार के जारी किए आदेशों के मुताबिक 7 कमरों में कॉलेज को संचालित करने का आदेश है. अब अगर 25 क्लासरूम में से 7 कमरे कॉलेज के लिए हो जाएंगे तो स्कूल के क्लासरूम में कमी आ जाएगी.

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