जयपुर. प्रदेश की नवगठित नगर पालिकाओं में अधिशासी अधिकारी लगाने की जिम्मेदारी स्थानीय जिला कलेक्टर को सौंपी गई (Collectors to appoint executive officers in municipal corporations) है. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक हृदेश कुमार की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि विभाग स्तर से अधिशाषी अधिकारियों के पदस्थापन किये जाने तक, कलेक्टर की ओर से लगाए गए प्रशासनिक सेवा के अधिकारी/तहसीलदार नवगठित नगर पालिकाओं का काम देखेंगे.
जिला कलेक्टर को अपने क्षेत्राधिकार में नवगठित नगरपालिका में अधिशाषी अधिकारी लगाना है. ताकि नई नगर पालिकाओं का काम सुचारू रूप से संचालित हो सके. कलेक्टर की ओर से लगाए गए प्रशासनिक अधिकारी/तहसीलदार को अपने पद के कार्य के साथ-साथ अधिशाषी अधिकारी के रिक्त पद का कार्य देखना होगा.
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विभाग ने हाल ही में इन नगर पालिकाओं का किया गठन:
- नीमराना (अलवर)
- टिब्बी (हनुमानगढ़)
- बासनी (नागौर)
- बड़ौद (अलवर)
- बालेसरसत्ता (जोधपुर)
- बौंली (सवाईमाधोपुर)
- दातारामगढ़ (सीकर)
- रानीवाडा (जालौर)
- अजीतगढ़ (सीकर)
- हमीरगढ़ (भीलवाडा)
- धरियावाद (प्रतापगढ़)
- गुढ़ागौड़जी (झुंझुनूं)
- मण्डावर (दौसा)
- मारवाड़ जंक्शन (पाली)
- टपूकड़ा (अलवर)
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वहीं बीते दिनों स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी किए कि हनुमानगढ़ जिले की ग्राम पंचायत टिब्बी के निर्वाचित सरपंच, उप सरपंच और निर्वाचित वार्ड पंचों को नवगठित नगर पालिका टिब्बी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड सदस्य समझा जाएगा. आपको बता दें कि नई नगर पालिकाओं में कुछ में बड़ी ग्राम पंचायतों के निर्वाचित में सरपंच को अध्यक्ष बनाया गया है. कुछ में प्रशासक लगाए गए हैं. जबकि हाल ही में गठित करीब 17 नगर पालिकाओं में से 16 में अध्यक्ष पद प्रक्रियाधीन है.