जयपुर. प्रदेश की राजधानी में शुक्रवार को हुई भारी बारिश से मची तबाही के बाद अब जिला प्रशासन जागा है और विभिन्न विभागों से रिपोर्ट तलब की है. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा खुद रविवार को शहर के दौरे पर निकले थे और तबाही का मंजर देखकर दंग रह गए. तबाही देखकर कलेक्टर ने सोमवार को नगर निगम, जेडीए, सिंचाई विभाग, पीएचईडी, विद्युत विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक बुलाई.
कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में जिला कलेक्टर ने अपने दौरे की विस्तृत रिपोर्ट पेश की. बैठक में कलेक्टर के सवालो का जवाब भी अधिकारियों के पास नहीं मिला. कलेक्टर ने कहा कि दिल्ली बाईपास स्थित गलता गेट के पास गणेशपुरी, सुंदर नगर और रहीमन नगर में शुक्रवार को बरसात के साथ मलबा और मिट्टी जमा हो गई. जिसने इलाके में तबाही ला दी.
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जानकारी के अनुसार पहाड़ पर पुराने समय का छोटा तालाब बना हुआ था. उसके टूटने से ही मलवा और मिट्टी बह कर आ गई और तीनों कॉलोनियों में मिट्टी जमा हो गई. इसके कारण सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए है. रोड और घरों में 2 से 3 फीट मिट्टी भर गई. कलेक्टर ने मिट्टी में दबे हुए वाहनों को भी देखा, यह मंजर देखकर कलेक्टर भी दंग रह गए.
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि यदि मानसून के पूर्व तैयारी बेहतर तरीके से की होती, तो यह मंजर देखने को नहीं मिलता. मिट्टी में दबे वाहनों में ऑटो रिक्शा, लोडिंग टेंपो और मोटरसाइकिल शामिल है. जो लोग ऑटो और लोडिंग टेंपो चलाकर जीवन यापन करते थे. अब उनके रोजगार मिट्टी में दफन हो गए है. आज भी लोग अपने वाहनों को मिट्टी से निकालने में जुटे हुए हैं.
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जिला कलेक्टर ने नगर निगम को कहा है कि जिस क्षेत्र में पानी और मिट्टी जमा हो गए हैं, उसको तुरंत हटाया जाए. परकोटा क्षेत्र में जर्जर मकानों की मरम्मत की जाए, अन्यथा नोटिस देकर खाली कराया जाए. दिल्ली बाईपास स्थित गलता गेट के पास, गणेशपुरी, सुंदर नगर रहीमन नगर में जमा मिट्टी हटाई जाए. आगरा रोड पर मच्छी गेट जर्जर हो रहा है, उसकी मरम्मत कराई जाए. कॉलोनियों में कचरा जमा हो गया है, उनकी सफाई की जाए.
जिला कलेक्टर ने सिंचाई विभाग को कहा है कि मानसागर झील का पानी ओवरस्लो होने पर गेट खोले गए. लेकिन यह पानी आसपास की बस्तियों में भर गया है. इसके लिए प्लान तैयार करें. पीएचइडी पानी की टूटी लाइनों को तुरंत ठीक करवाया जाए. जहां पानी की सप्लाई बाधित है, वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जाएगा.
जिला कलेक्टर ने जेडीए को निर्देश दिया है कि बंध की घाटी में चट्टान टूटने से रास्ता बंद पड़ा है, उसे भी ठीक कराए जाए. आगरा रोड पर बीच रास्ते में टूटी सड़कों की मरम्मत की जाए. जगह-जगह पानी से सड़कों पर कटाव हो गया है, उनको भी ठीक किया जाए.
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जिला कलेक्टर ने विद्युत विभाग को कहा कि बिजली पोल बारिश में गिरे, कितने टूटे, उनकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जाए. बारिश के दौरान 5 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती क्यों की गई. कुछ जगह अभी भी बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई है, उसकी रिपोर्ट दें.
जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को बारिश में 5 लोगों की मौत हो गई और 12 पशु भी मर गए. 24 पक्के और 12 कच्चे मकान भी ढह गए. साथ ही 500 से ज्यादा मकानों, दुकानों में मलबा मिट्टी पानी भर गया. मकानों के अंदर खड़े चौपहिया और दोपहिया वाहन भी मलबे में दब गए है.
जिला कलक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि मृतकों के परिजनों को एक -एक लाख की सहायता दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि कॉलोनी में जो मिट्टी जमा हो गई है, उसके निस्तारण के लिए इंजीनियरों की कमेटी बनाई गई है, जो उसका निस्तारण के खर्चे और उसके निस्तारण में लगने वाले संसाधनों का आकलन करेगी.