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राजस्थान की विद्युत इकाई के लिए 7 लाख टन अतिरिक्त कोयला उपलब्ध कराएगी कोल इंडिया

राजस्थान के तापीय विद्युतगृहों (Thermal Power Stations of Rajasthan) के लिए कोल इंडिया 7 लाख मैट्रिक टन अतिरिक्त कोयला उपलब्ध कराएगी. ये निर्णय शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान लिया गया.

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Published : Feb 4, 2022, 9:25 PM IST

Thermal Power Stations of Rajasthan
Thermal Power Stations of Rajasthan

जयपुर. राजस्थान के तापीय विद्युतगृहों (Thermal Power Stations of Rajasthan) के लिए कोल इंडिया 7 लाख मैट्रिक टन अतिरिक्त कोयला उपलब्ध कराएगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल की शुक्रवार को विद्युत भवन (Jaipur Vidyut Bhawan) में कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने विश्वास दिलाया कि राजस्थान को मांग के अनुसार कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.

2448 से 6000 मेगावाट हुआ बिजली का उत्पादन :डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में कोयले की उपलब्धता और निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री गंभीर हैं. देशव्यापी कोयला संकट के समय से ही स्वयं के स्तर पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार के समग्र प्रयासों से कोल संकट के बावजूद प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान नहीं आने दिया.

उन्होंने बताया कि राजस्थान में तापीय विद्युतगृहों की 7580 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता है. जिसमें से 3240 मेगावाट उत्पादन क्षमता की कोटा, छबड़ा व सूरतगढ़ इकाई के लिए कोल इंडिया से कोयला उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने बताया कि कोयला संकट के दौरान समन्वित प्रयासों से एक और कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए केन्द्र सरकार, कोयला माइंस आदि से समन्वय बनाते हुए युद्धस्तर पर प्रयास किए गए. जून 21 में करीब 2448 मेगावाट उत्पादन रह गया था जो बढ़ाकर फरवरी 22 में औसतन 6000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगा है.

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डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोल इंडिया ने एसईसीएल की दीपिका माइंस से 5 लाख टन और एनसीएल की खडिया माइंस से दो लाख मैट्रिक टन अतिरिक्त कोयला उपलब्ध कराना आरंभ कर दिया है. उन्होंने बताया कि रेल्वे से रैक की उपलब्ध बढ़ाने के लिए विद्युत उत्पादन निगम और राज्य सरकार की ओर से संयुक्त प्रयास किए जा रहे हैं.

कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि विदेशों से आयातीत कोयले के दाम बढ़ने और देश में देर तक मानसून के चलते कोयले का संकट उत्पन्न हुआ. उन्होंने बताया कि कोल संकट, मानसून और कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कोल इंडिया ने कोयले का 25 प्रतिशत अतिरिक्त उत्पादन कर कोयला उपलब्ध कराया. जिससे देश में 17 प्रतिशत विद्युत उत्पादन में बढ़ोतरी हुई. अग्रवाल ने विश्वास दिलाया कि राजस्थान को कोयले की कमी नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने अतिरिक्त कोयले को जल्दी से जल्दी विद्युत तापगृहों तक मंगाकर भण्डारित करने को कहा ताकि आगामी मानसून के मौसम में कोयले की उपलब्धता बनी रह सके.

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बैठक में चेयरमैन डिस्कॉम्स भास्कर ए सावंत और राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आरके शर्मा भी मौजूद रहे. शर्मा ने बताया कि कोल इंडिया से संचालित तापीय विद्युत गृहों के लिए प्रतिदिन 11 रेक आपूर्ति की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त कोयला आवंटित होने से कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. बैठक में कोयले की उपलब्धता, आपूर्ति सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई.

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