जयपुर. प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में अधिकारियों की नाराजगी एक बार फिर खुल कर सामने आई है. सोमवार को ऊर्जा विभाग के सीएमडी के पद से उदयपुर संभागीय आयुक्त के पद पर हुए तबादले से नाराज आईएएस पी रमेश ने मुख्य सचिव को वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी थमा दी. हालांकि, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने देर रात को इस अर्जी को नामंजूर कर दिया है.
ऊर्जा विभाग में 114 करोड़ रुपए की ईआरपी टेंडर को लेकर विवादों के बाद आखिरकार राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पी रमेश का सोमवार को देर रात तबादला कर दिया गया. रमेश को उदयपुर संभागीय आयुक्त और खान विभाग निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जिम्मेदारी दी गई लेकिन पी रमेश को यह नई जिम्मेदारी रास नहीं आई. उन्होंने इसके पीछे की कथित राजनीति से नाराज होकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को थमा दी. उसके बाद राज्य की ब्यूरोक्रेसी में हल्ला मच गया. हालांकि, देर शाम तक मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने यह स्पष्ट कर दिया कि पी रमेश की वीआरएस अर्जी को नामंजूर कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया है कि रमेश जल्दी नया पद संभाल लेंगे.
यह भी पढ़ें.कोर्ट ने 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की दी अनुमति
बता दें कि पी रमेश ने पिछले दिनों ऊर्जा विभाग में 114 करोड़ रुपए के एक सेंटर को लेकर आला अधिकारियों पर मनमानी के आरोप जड़े थे. वहीं उन्होंने विवादित टेंडर को पास कराने के लिए कुछ अफसरों पर दबाव बनाने और परेशान करने के आरोप भी लगाया था. जिसके बाद इस मामले में सुनवाई नहीं होने पर वे नाराज चल रहे थे. इसी बीच पी रमेश का ऊर्जा विभाग से तबादला की गई.
यह भी पढ़ें.हनुमानगढ़ गैंगरेप मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान