जयपुर.राजस्थान सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राजस्थान में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की हुई है. इस सीमा के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लाभार्थियों के लिए प्रति माह 2 लाख 30 हजार 882 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया जा रहा है. जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के बाद बीते 10 वर्षों में देश-प्रदेश की आबादी में काफी इजाफा हुआ है और इन वर्षाें में स्वाभाविक रूप से कई परिवार एनएफएसए के पात्र हो गए हैं.
कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण भी कई परिवार एनएफएसए की पात्रता में आ गए हैं. ऐसे में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर पात्र परिवारों की सीलिंग निश्चित करना तार्किक नहीं है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या 8 करोड़ होने की संभावना है.
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ऐसे में भारत सरकार अनुमत प्रतिशत के आधार पर राज्य में लगभग 74 लाख अतिरिक्त व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि (Gehlot Letter About Beneficiaries of Food Security) कोरोना परिस्थितियों के कारण वर्ष 2021 की जनगणना में दूर होगी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या के पुनर्निर्धारण में भी विलंब होने की आशंका है.
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उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि (CM Gehlot Wrote a letter to PM Modi) लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने के लिए वर्तमान में बंद की हुई अपीलीय प्रक्रिया को फिर से शुरू कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा के तहत प्रदेश के 4.46 करोड़ लाभार्थियों में से 4.15 करोड़ लाभार्थी ही नियमित अनाज ले रहे हैं, शेष 30 लाख परिवार पूरे वर्ष के स्थान पर कुछ माह ही अनाज लेते हैं. ऐसे में लाभार्थियों की चयन सीमा को यदि वितरण सीमा में बदल दिया जाए तो वितरित होने वाले अनाज को 30 लाख लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. इस व्यवस्था में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सीलिंग सीमा प्रतिमाह 2.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं से अधिक का उठाव न हो.