जयपुर. अयोध्या में 28 साल पहले विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस मामले में देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 नेताओं को बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाबरी मस्जिद मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि कोर्ट का निर्णय आश्चर्यचकित करने वाला है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के लिए विशेष अदालत का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के पहले के फैसले के रूप में आश्चर्यजनक करने वाला है. विध्वंस एक स्पष्ट वैधता और कानून के शासन का अहंकारी उल्लंघन था. देश जानता है कि कैसे पूरे प्रकरण को भाजपा और आरएसएस की ओर से देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने का प्रयास किया गया था.
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बता दें, अयोध्या में 28 साल पहले विध्वंस ढांचा ढहाए जाने के अपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 नेताओं को बरी कर दिया है. जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई की तरफ से पेश किए गए सबूत मजबूत नहीं थे. बाबरी विध्वंस की घटना अचानक से हुई थी. यह पूर्व नियोजित नहीं था. इस मामले में कुल 49 लोगों पर आरोप लगे थे, जिनमें से 17 की मौत हो चुकी है.