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बाबरी मस्जिद मामले पर सीएम गहलोत का ट्वीट, कहा- कोर्ट का निर्णय आश्चर्य करने वाला - Babri demolition case

30 सितंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी 32 अभियुक्तों को बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है. फैसला आने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि कोर्ट का निर्णय आश्चर्यचकित करने वाला है.

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सीएम अशोक गहलोत

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Published : Sep 30, 2020, 8:36 PM IST

जयपुर. अयोध्या में 28 साल पहले विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस मामले में देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 नेताओं को बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाबरी मस्जिद मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि कोर्ट का निर्णय आश्चर्यचकित करने वाला है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के लिए विशेष अदालत का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के पहले के फैसले के रूप में आश्चर्यजनक करने वाला है. विध्वंस एक स्पष्ट वैधता और कानून के शासन का अहंकारी उल्लंघन था. देश जानता है कि कैसे पूरे प्रकरण को भाजपा और आरएसएस की ओर से देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने का प्रयास किया गया था.

पढ़ें-बाबरी विध्वंस केस में कोर्ट के फैसले पर बोले पूनिया, कहा- ये सत्य, धर्म और आस्था की जीत है

बता दें, अयोध्या में 28 साल पहले विध्वंस ढांचा ढहाए जाने के अपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 नेताओं को बरी कर दिया है. जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई की तरफ से पेश किए गए सबूत मजबूत नहीं थे. बाबरी विध्वंस की घटना अचानक से हुई थी. यह पूर्व नियोजित नहीं था. इस मामले में कुल 49 लोगों पर आरोप लगे थे, जिनमें से 17 की मौत हो चुकी है.

कौन-कौन था मामले में आरोपी...

अयोध्या विध्वंस केस में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, उमा भारती, महंत धर्मदास, डॉ. रामविलास वेदांती, चंपत राय, सतीश प्रधान, साध्वी ऋतंभरा, पवन कुमार पांडे, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, बृजभूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओमप्रकाश पांडे, अमरनाथ गोयल, जय भान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी थे.

1993 में हाईकोर्ट के आदेश पर उल्लंघन में घटित हुई थी विशेष अदालत

बाबरी मस्जिद के गिरने के 7 दिन बाद ही यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था. इस मामले की अलग-अलग जिलों में सुनवाई हुई, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1993 में सुनवाई के लिए लखनऊ में विशेष अदालत का गठन किया था. तब सीबीआई ने अपनी संयुक्त चार्जशीट फाइल की. इस चार्ज सीट में ही बाल ठाकरे, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और चंपत राय जैसे 49 नाम जुड़ गए थे.

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