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सभी के सहयोग से जीवन और आजीविका बचाने में मिली सफलता, कोरोना नियंत्रण में राजस्थान बेहतर : मुख्यमंत्री गहलोत - conversation on corona in rajasthan

मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को वीसी के जरिए कई राजनीतिक दलों के नेताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कोरोना के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की. जिसमें मुख्यमंत्री ने सभी से सुझाव भी मांगे.

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कोरोना कार्य पर चर्चा

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Published : Sep 26, 2020, 10:42 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से कोविड-19 महामारी को लेकर अभी तक उठाए गए कदमों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में सभी वर्गों की अहम भूमिका रही है.

जनप्रतिनिधियों, विभिन्न दलों के नेताओं, एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धर्मगुरूओं, भामाशाहों एवं कोरोना वॉरियर्स की मदद से राज्य सरकार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक काबू में रखने में सफलता मिली है, साथ ही कोरोना से मृत्युदर भी न्यूनतम रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में लोगों का जीवन बचाने और उनकी आजीविका बचाने में पूरा प्रदेश एकजुट रहा एवं सभी का सहयोग मिला. आगे भी कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई सभी मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने सभी दलों के नेताओं एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना प्रबंधन काफी अच्छा रहा है. महामारी नियंत्रण के विभिन्न मापदंडों पर अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश काफी बेहतर स्थिति में है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जनप्रतिनिधियों, आमजन एवं विभिन्न संगठनों की ओर से बढ़ते हुए संक्रमण पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने पूर्व में सप्ताह में दो दिन लॉकडाउन लगाया था. लेकिन भारत सरकार का कहना है कि सप्ताह में दो दिन का लॉकडाउन संक्रमण रोकने के लिए उपयोगी नहीं है.

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पूर्व में लंबा लॉकडाउन लगने से रोजमर्रा के काम कर आजीविका चलाने वालों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 11 शहरों में धारा 144 लागू कर पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई है. सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड केयर सेंटर्स में भर्ती मरीजों से मिलने एक व्यक्ति से अधिक नहीं जाए. मरीजों से मिलने एक से अधिक परिजनों के वहां जाने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है.

उन्होंने इस संबंध में एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए. वीसी के दौरान सामाजिक संगठनों एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भी आमजन में हैल्थ प्रोटोकॉल को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करने का सुझाव दिया. सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने की पालना सख्ती से कराने के संबंध में सुझाव दिए. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बेड, वेन्टीलेटर एवं आइसीयू बेड उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन 51 हजार से अधिक हो गयी है. आने वाले समय में एसएमएस अस्पताल में कोबास मशीन से प्रतिदिन 4500 टेस्ट किए जाएंगे. शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि छुट्टी के दिन लोगों को स्व-प्रेरित लॉकडाउन का पालन करते हुए यह तय करना चाहिए कि अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर जाएं. चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने वीसी में शामिल विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का धन्यवाद दिया और प्रभावी जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया.

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वीसी के दौरान जनप्रतिनिधियों के कई महत्वपूर्ण सुझाव आए. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से करवाने, मास्क को अनिवार्य करने तथा समाज के प्रभावी लोगों को जागरूकता अभियान से जोड़ने के संबंध में सुझाव दिए. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से प्रभावी जागरूकता अभियान चलाने एवं निजी अस्पतालों को उचित दरों पर इलाज करने के लिए पाबंद करने के संबंध में सुझाव दिए.

बीटीपी के अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने जनजाति बहुल क्षेत्रों में कोरोना को लेकर जागरूकता पैदा करने में सामाजिक संगठनों को साथ लेने तथा लॉकडाउन के दौरान आए प्रवासियों के लिए रोजगार की समुचित व्यवस्था करने संबंधी सुझाव दिए. सीपीएम के बलवान पूनियां ने कोविड सेंटर्स में भर्ती मरीजों को काउंसलिंग सुविधा उपलब्ध कराने, सीपीआई के डी.के. छंगाणी और नरेन्द्र आचार्य ने लोगों में भय का माहौल दूर करने के लिए मोहल्ला समितियों के सहयोग से जागरूकता फैलाने का सुझाव दिया.

आरएलपी के विधायक पुखराज गर्ग सहित अन्य नेताओं ने भी सुझाव दिए. स्वयंसेवी संगठनाें के प्रतिनिधियों के साथ हुई वीसी में मजदूर किसान शक्ति संगठन के निखिल डे ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को रोकने एवं 'कोई भी भूखा नहीं सोए' के संकल्प को पूरा करने के लिए उठाए गये कदमों की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है. सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के काल में राशन, पेंशन और मनरेगा से लोगों को काफी संबल मिला है.

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उन्होंने काम मांगों अभियान चलाकर लोगों को रोजगार देने का सुझाव दिया. पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव ने होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को मेडिकल प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने एवं उनकी पर्याप्त मॉनिटरिंग के संबंध में सुझाव दिया. वीसी के दौरान राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाड कुमारी जैन, धर्मवीर कटेवा, डॉ. अजमत खान, उपेन्द्र सिंह, अनुज सक्सेना, डॉ. अनंत शर्मा, वरूण शर्मा, उमाशंकर शर्मा एवं हेमन्त भाई गोयल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में दिए गए प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रतिदिन 15 हजार से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता विकसित कर ली गयी है, 35 जांच लैब स्थापित की गयी हैं, 8 हजार से अधिक ऑक्सीजन बेड, 1700 आईसीयू तथा 1352 वेंटीलेटर बेड उपलब्ध हैं.

मरीजों को जीवनरक्षक इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. 181 हेल्पलाइन पर सूचना मिलने पर गंभीर मरीजों के लिए बेड एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है. वीसी में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक (अपराध) एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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