जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सीएम निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा की. कॉन्फ्रेंस में 33 जिलों के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के जिला एवं ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी भी जुड़े. मुख्यमंत्री ने जिला परिषद सीईओ, एसीईओ सहित अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के संबंध में सीधा संवाद किया.
गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है. ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय शुरू हुई महात्मा गांधी नरेगा योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में वरदान साबित हुई है. उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
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स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की हो बेहतर मार्केटिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की अच्छी भूमिका रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि इन समूहों को प्रोत्साहन देने के साथ ही इस योजना में और अधिक स्वयं सहायता समूहों के गठन को बढ़ावा दिया जाए. साथ ही इन्हें मजबूत बनाने के लिए इनके उत्पादों की बेहतर ढंग से मार्केटिंग की जाए. उन्होंने बताया कि कोविड के इस दौर में इन्हें ई-बाजार जैसे ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म के माध्यम से भी जोड़ा जा सकता है.
45 दिन में जारी हो विधायक कोष के कार्यों की स्वीकृतियां...
गहलोत ने कहा कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम और सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत होने वाले विकास कार्यों में देरी की शिकायत मिलती है. इसे दूर करने के लिए इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां 45 दिन के निर्धारित समय में जारी की जाए. उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की प्रभावी माॅनिटरिंग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाए. साथ ही इनकी नियमित माॅनिटरिंग सुनिश्चित की जाए.
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