जयपुर. सीएम गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति और इससे बचाव के लिए आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञ लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि फिलहाल मास्क ही कोरोना की वैक्सीन है. राज्य सरकार इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ मास्क वितरण का काम भी कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण का खतरा घटने तक कोरोना के विरुद्ध जन आंदोलन चलता रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 महामारी को शुरू से ही गंभीरता से लिया गया, जिसका नतीजा यह है कि हम इसके संक्रमण को नियंत्रित कर पाए हैं. अनुभव भी यह बताता है कि जिन देशों, राज्यों या लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, वहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े. उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देशों में इसके प्रति लापरवाही बरतने के कारण सर्दी का मौसम आते ही वहां कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ रहा है. हमारे यहां भी आगामी महीनों के दौरान सर्दियों में संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका है. इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
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बैठक में बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए आगामी दिनों में स्कूल खोलने को लेकर विचार-विमर्श किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए इस सम्बन्ध में विशेषज्ञों के साथ गहन विचार-विमर्श किया जाए. देश के दूसरे राज्यों की स्थिति, केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर उचित निर्णय लिया जाए. उन्होंने स्कूल खोलने की स्थिति में अधिकारियों को जरूरी प्रोटोकॉल तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं.
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा ने बताया कि राजस्थान में कोरोना के कुशल प्रबंधन के कारण अक्टूबर माह में प्रदेश में कोरोना से रिकवरी दर 106 प्रतिशत से अधिक हो गई है. वहीं मृत्युदर घटकर 0.69 प्रतिशत पर आ गई है. उन्होंने बताया कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर राजस्थान में मृत्युदर मात्र 23 है, जबकि पूरे देश की औसत मृत्युदर 87 है. निदेशक स्थानीय निकाय दीपक नन्दी ने प्रदेशभर में कोरोना के विरुद्ध जन आंदोलन की वस्तुस्थिति से अवगत कराया.