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सोनिया गांधी की VC में बोले CM गहलोत- मोदी सरकार केवल राज्य सरकारों को गिराने और RSS का एजेंडा पूरा करने में लगी है - Meeting with chief ministers

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीसी के जरिए बैठक की. जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई विषयों पर अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर कहा कि भारत सरकार को खुद सुप्रीम कोर्ट चले जाना चाहिए.

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वीसी के दौरान अशोक गहलोत ने केंद्र सराकर पर साधा निशाना

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Published : Aug 26, 2020, 5:34 PM IST

जयपुर.कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और गैर भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना महामारी सहित कई विषयों पर चर्चा की. जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल रहे.

वीसी के जरिए सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी के चलते राज्यों के आर्थिक हालात, NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर चर्चा की. इस चर्चा में ममता बनर्जी ने सभी मुख्यमंत्रियों को मिलकर नीट और जेईई की परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन लगाने को कहा, जिस पर अमरिंदर सिंह ने अपनी हामी दी. हालांकि, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले इस मामले में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से बात करने की बात कही.

केंद्र सरकार पर निशाना साधते मुख्यमंत्री गहलोत

इस बैठक में यह कहा गया कि सितंबर में ही परीक्षा है. ऐसे में हमारे पास सुप्रीम कोर्ट में जाने के अलावा ज्यादा रास्ते नहीं बचे हैं. इस पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस मामले में तो भारत सरकार को खुद ही सुप्रीम कोर्ट में चले जाना चाहिए. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सब लोग एक ही स्थिति से गुजर रहे हैं. इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि हम लोकतंत्र की बात कर रहे हैं. लेकिन अगर लोकतंत्र मजबूत होता तब तो यह बातें करने की कोई उम्मीद होती. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से क्या उम्मीद करें. जब से केंद्र की भाजपा सरकार बनी है तब से यही रवैया बन चुका है.

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'कोरोना से राज्य सीधी लड़ाई लड़ रहे'

सीएम गहलोत ने कहा कि मनरेगा और फूड सिक्योरिटी एक्ट ने ही कोरोना संक्रमण से लड़ने में बचाव किया हुआ है.राज्य ही कोरोना की लड़ाई सीधे लड़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की, इसके अलावा कुछ नहीं कर रही है. 20 लाख करोड़ का जो पैकेज दिया गया वह लॉन ड्रिवन है. हमने जो बजट पेश किया था हमको हमारे बजट में कटौती करनी पड़ रही है. चाहे व्यापार हो चाहे इंडस्ट्री हो सब बंद हो गए, रेवेन्यू रिकवरी में टाइम लगेगा.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज तक की बात करें तो 6990 करोड़ हमारे स्टेट के केंद्र पर बकाया है. हमने 25 से 30 पत्र केंद्र सरकार को लिखे, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आता है. ऐसे में केंद्र सरकार से क्या उम्मीद करें. हमने केंद्र सरकार से जीडीपी का 3% के बजाय 5% बौरोइंग के लिए कहा, केंद्र सरकार ने यह किया जरूर, लेकिन शर्तें ऐसी कर दी कि उन्हें पूरा किया ही नहीं जा सकता. हमने केवल मोनी टोरियम मांगा है. केंद्र सरकार से 6 महीने का वह भी पूरा नहीं किया गया.

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'चारों ओर से हम घिरे हुए'

अशोक गहलोत ने कहा कि इस 1 महीने में 800 करोड़ केंद्र की ओर से कम मिले हैं, तो आगे आने वाले समय में क्या हालात होंगे कोई भी सोच सकता है. चारों ओर से हम घिरे हुए हैं, सरकार को इन बातों की परवाह नहीं है. उन्हें परवाह है तो केवल राज्य सरकारों को गिराने की परवाह है. हालात मध्यप्रदेश में यही बने, कर्नाटक में यही बने और राजस्थान में भी सरकार गिराने का प्रयास किया गया. लेकिन राजस्थान में आप लोगों की दुआओं से हम लोग बच गए हैं.

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सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वह कह रहे हैं कि झारखंड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी यही हालात बन सकते हैं. आर्थिक व्यवस्था को लेकर जनता का विश्वास खत्म होता जा रहा है. स्थिति दिन-ब-दिन चिंतित होती जा रही है. हर फैसले उल्टे हो रहे हैं. पेट्रोल-डीजल के दाम और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा रही है, लगातार सेस चार्ज बढ़ाए जा रहे हैं.

'कोरोना में राजस्थान ने शानदार काम किया'

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि कोरोना के मामले में राजस्थान सरकार ने शानदार काम किया है. हमारी मोर्टेलिटी रेट देश में सबसे कम है. राजस्थान में 50,000 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं. हमने पड़ोसी राज्यों को भी ऑफर किया है कि वह हमारे यहां टेस्ट करवा सकते हैं. 32 लाख लोगों को 3500 हर महीने दिए हैं. लेकिन आने वाले समय में अगर केंद्र सरकार ने समय पर सही कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है. कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है.

सीएम गहलोत ने वीसी के दौरान कहा कि अब तक हमने भामाशाहों, दानदाताओं सबकी मदद से काम किया है. गहलोत ने कहा कि मेरा मानना है कि जब अकाल के समय हम प्रधानमंत्री के पास गए थे, उसका रिजल्ट आया था. उसी तरह इस मामले को इश्यू बनाए और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के पास जाएं. उन्होंने कहा कि अभी आम जनता दुखी है. वह चिंतित है कि सरकार ध्यान दे नहीं रही और दिन-ब-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है. महंगाई बढ़ती जा रही है, परचेसिंग पावर लोगों की खत्म हो गई है.

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'RSS का एजेंडा पूरा करने में लगीसरकार'

CM गहलोत ने कहा कि अगर फिसकल डिफिसिट ऐसे ही चलती रही और लोगों की परचेसिंग पावर नहीं बढ़ाई तो लोगों का सामान बिकेगा ही नहीं तो फैक्ट्रियां चलेगी कैसे. वहीं, उन्होंने नीट और जेईई परीक्षा को लेकर कहा कि इस बारे में सब की राय एक जैसी है. सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार को खुद जाना चाहिए, क्योंकि यह जनता की आम राय है. यह सरकार RSS के एजेंडे से मतलब रखती है, उसे पूरा करने के लिए काम किया जा रहा है. अगर सबकी राय बने तो हम जाकर बात करें प्रधानमंत्री मोदी से क्योंकि हम राजनीतिक बात नहीं कर रहे, राज्यों की स्थितियां ऐसी बिगड़ गई है कि हमें उसी बारे में बात करनी है.

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