राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

डेढ़ साल बाद CMO में CM : सीएम गहलोत ने सचिवालय स्थित दफ्तर पहुंचकर निपटाया कामकाज..SC और OBC विकास कोष के गठन को मंजूरी

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कम हुए आंकड़ों के बीच अब मुख्यमंत्री अशोक भी सक्रिय हो गए हैं. यही वजह है कि लगभग 18 महीने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे और पेंडिंग काम काज संभाला. इससे पहले सीएम गहलोत 20 मार्च 2020 को कोरोना संक्रमण को लेकर बैठक ली थी. विपक्ष सीएम पर लगातार वर्चुअल सीएम होने का तंज कस रहा था.

By

Published : Oct 4, 2021, 3:31 PM IST

Updated : Oct 4, 2021, 3:56 PM IST

डेढ़ साल बाद CMO में CM
डेढ़ साल बाद CMO में CM

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर विपक्ष की ओर से वर्चुअल मीटिंग्स को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांकेतिक पलटवार शुरू कर दिया है. यही वजह है कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती से एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सार्वजनिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल होने लगे हैं.

अब तक जहां मुख्यमंत्री गहलोत अपने निवास से वर्चुअल मीटिंग्स ले रहे थे, जिसकी वजह से विपक्ष भी सीएम गहलोत को वर्चुअल सीएम ने नाम से हमला बोलने लगा था. लेकिन अब सीएम गहलोत ने विपक्ष को सांकेतिक जवाब देते हुए न केवल सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय यानी सीएमओ पहुंच कर कामकाज भी निपटा रहे हैं.

पढ़ें- लखीमपुर हिंसा: प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पर CM गहलोत ने साधा निशाना, कहा- भाजपा का अमानवीय चेहरा आया सामने

खादी ग्रामउद्योग बोर्ड और जेकेके से सीधे सीएमओं पहुंचे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज सुबह पहले खादी ग्राम उद्योग बोर्ड स्थित परिसर में बनी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे. उसके बाद सीएम गहलोत जवाहर कला केंद्र में गांधी जयंती पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया. जवाहर कला केंद्र के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधे सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे और यहां पर अधिकारियों के साथ में बैठक ली.

विपक्ष को करारा जवाब

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले 18 महीने से लगातार कोरोना संक्रमण की वजह से मुख्यमंत्री निवास से बाहर नहीं निकल रहे थे. सीएम हाउस से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक लेते रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगभग 18 महीने में 700 से ज्यादा वीसी के जरिए बैठक की. कहा जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के वक्त दिन में तीन-तीन बार अधिकारियों के साथ में मीटिंग की थी.

मुख्यमंत्री की वर्चुअल मीटिंग में को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने 1 दिन पहले की कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही वर्चुअल मीटिंग का रिकॉर्ड बना रहे हों, लेकिन बंद कमरों में प्रदेश की जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होता. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल सीएम बन कर रह गए हैं. विपक्ष के इन आरोपों के बीच मुख्यमंत्री न केवल से सीएम हाउस से बाहर निकल सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, बल्कि आज सीएमओ पहुंचकर अब अपने ऑफिस से कामकाज शुरू कर दिया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय में आखिरी बैठक की थी. इस बैठक के बाद प्रदेश में मार्च को शट डाउन कर दिया गया था. इसके बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर सीएमओ नहीं आए थे.

पढ़ें- डोटासरा का किरोड़ी पर पलटवार : जो कहते थे कि मरते दम तक धरना दूंगा..उन्होंने अरुण सिंह की तड़ी के बाद यू-टर्न ले लिया

एससी और ओबीसी विकास कोष के गठन को मंजूरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समावेशी विकास के लिए अनुसूचित जाति विकास कोष और अन्य पिछड़ा वर्ग विकास कोष के गठन को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद एससी और ओबीसी वर्ग के युवाओं को लाभ मिल सकेगा. हालांकि, ओबीसी आयोग के गठन का इंतजार हैं.

इस कोष से अनुसूचित जाति के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए बने छात्रावासों का और आवासीय विद्यालयों का आधुनिकीकरण और सुदृढीकरण, उनमें सुविधाओं को विकास, खेलकूद सामग्री के साथ कम्प्यूटर उपलब्ध कराने के लिए विकास को मंजूरी दी. इसके बाद इन वर्गों के युवाओं को रोजगारपरक कार्यों के लिए औजार खरीदने के लिए 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति सहायता जैसे कार्य हो सकेंगे.

वाल्मीकि कोष से 5 करोड़ 57 लाख रूपए व्यय करने को मंजूरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वाल्मिकी समाज के बच्चों और युवाओं को आगे बढ़ने के उचित अवसर उपलब्ध करवाने की दृष्टि से गठित वाल्मीकि कोष से 5 करोड़ 57 लाख रूपए व्यय करने को मंजूरी दी है. इससे वाल्मीकि समाज के छात्रावासों के आधुनिकीकरण और सुदृढीकरण, सफाई के पेशे में लगे लोगों के बच्चों को मेरिट के आधार पर अतिरिक्त 5 हजार रूपए की वार्षिक वित्तीय सहायता रोजगारपरक कार्यों के लिए औजार खरीदने के लिए 5 हजार रूपए प्रति व्यक्ति सहायता जैसे कार्य हो सकेंगे.

राष्ट्रीय ओबीसी आयोग के गठन का इंतजार

राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने पिछले दिनों राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन 5 साल से नहीं होने को लेकर चिंता जताई थी. आयोग ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग जल्द गठन करे. इसके साथ ही ओबीसी के आय प्रमाण पत्र में शक्ल पारिवारिक आय को शामिल करके प्रमाण पत्र बनाए जाने पर एतराज किया था.

Last Updated : Oct 4, 2021, 3:56 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details