जयपुर.राजस्थान की राजनीति में बड़ा उलटफेर के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. मंगलवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ना भाजपा का धंधा बताया. वहीं, बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद आई मायावती की प्रतिक्रिया को भी स्वाभाविक करार दिया.
कांग्रेस में बसपा विधायकों के विलय पर सीएम गहलोत का बयान स्थिर सरकार के लिए बसपा विधायक बने चुना कांग्रेस को...
जयपुर में पत्रकारों से मुखातिब हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों पर बसपा विधायकों ने विश्वास जताया और क्षेत्र के विकास के साथ ही एक स्थिर सरकार के लिए उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की. उनके अनुसार इस मामले में बसपा के सभी 6 विधायक एकमत थे.
कर्नाटक और गोवा देख लीजिए, भाजपा का तो धंधा ही यही है...
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर भी जमकर बरसे. गहलोत ने कहा कि विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ना तो भाजपा का धंधा है. इस दौरान उन्होंने कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी सही कहते होंगे कि उन्हें भाजपा ने खुद के साथ शामिल होने का प्रलोभन दिया था.
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मायावती की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद आई बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया को भी स्वाभाविक करार दिया. गहलोत ने कहा कि मायावती को भी समझना चाहिए कि उनके विधायकों ने यह कदम आखिरकार प्रदेश के विकास पर हित में ही उठाया है. गहलोत के अनुसार काशीराम के समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के समर्थन से ही बसपा ने सरकार बनाई थी. यह बात मायावती जी को नहीं भूलना चाहिए कि हम समान विचारधारा वाले लोग और पार्टियों का ही समर्थन करते हैं और राज्यों की स्थिति तो अलग होती है.
बसपा के साथ भाजपा को भी लगा झटका...
गहलोत ने एक बार फिर कहा कि हमने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को किसी प्रकार का प्रलोभन नहीं दिया और ना ही हॉर्स ट्रेडिंग की है. सभी विधायक अपनी सहमति से कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इस पूरे घटनाक्रम जरिए एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिखा दिया कि राजस्थान की राजनीति में उनसे बढ़ा सियासत का जादूगर कोई और नहीं है. हालांकि बसपा विधायकों के कांग्रेस के विलय के बाद बसपा के साथ प्रदेश भाजपा को भी थोड़ा झटका लगा होगा, क्योंकि निकाय चुनाव नजदीक है.