जयपुर. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ के विवादित बयान पर सीएम गहलोत ने जवाब दिया है. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सराफ मंत्री रहे हैं और जो एक बार मंत्री बन जाते हैं उनकी भाषा, व्यवहार में कंट्रोल होना चाहिए, क्योंकि जनता उनसे प्रेरणा लेती है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा नेताओं को बोलने में संयम रखना चाहिए दरअसल, सराफ ने कहा था कि जब वह सत्ता में होते हैं तो कलम से काम करते हैं और जब विपक्ष में होते हैं तो जूते की नोक पर काम करवाते हैं. इसी बयान पर सीएम ने कहा कि अगर कोई मंत्री रहे व्यक्ति ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करे तो जनता उनसे क्या प्रेरणा लेगी. कालीचरण के अमर्यादित बयान से जनता में आक्रोश है, उनके बोल उन्हीं को मुबारक हो और जो मुहावरा उन्होंने प्रयोग किया है उसके लिए उन्हें खुद भुगतना पड़ेगा. वहीं, एनएसयूआई के छात्रसंघ चुनाव में हारने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगह एबीवीपी तीसरे नंबर पर भी आई है, लेकिन उसे कोई नहीं बता रहा.
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जो अपने आप को 'तीस मार खां' कहते हैं वह थर्ड नंबर पर आए हैं. हम तो पिछले परिणाम से उठने की तैयारी कर रहे हैं और जनता को बता रहे हैं कि कौन सी विचारधारा उनके लिए अच्छी है और कौन सी पार्टी देश को अखंड रखेगी. नौजवानों को सोशल मीडिया के माध्यम से गुमराह किया जा रहा है, क्योंकि पीएम मोदी बोलने में माहिर हैं और ऐसे शब्द बोलते हैं जिससे कि लोग गुमराह हो जाएं. जबकि उन्हें नौकरियों बेरोजगारी और लोग जो भूखे मर रहे हैं, उनके बारे में बात करनी चाहिए.
कांग्रेस सरकार जब देश में होती है तो उनका ध्यान इकोनॉमी और देश कैसे मजबूत हो इसकी ओर होता है, सरकार बनाने की ओर नहीं. आज नौजवानों को गुमराह कर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के किए गए कामों को भुलाया जा रहा है. जबकि जो चुनाव जीता है उसे बड़ा दिल रख कर काम करना चाहिए. गहलोत ने कहा कि पूरे देश में लोगों को ईडी-सीबीआई से डरा कर रखा गया है और यह बात नई पीढ़ी को समझाना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के आर्थिक हालात खराब हैं और मोदी सरकार इसे लेकर जो फैसले ले रही है वह आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने में नाकाफी है.