जयपुर. गहलोत बुधवार शाम को 'कोर ग्रुप' तथा 'वार रूम' के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि सप्लाई चेन बाधित न हो. आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलें, इसके लिए जरूरी है कि फल-सब्जी तथा खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने वाले ट्रकों को न रोका जाए. साथ ही जहां तक संभव हो फल-सब्जी तथा आवश्यक वस्तुओं की डोर-टू-डोर डिलीवरी सुनिश्चित की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों, जरूरतमंदों तथा दिहाड़ी पर अपना जीवन-यापन करने वालों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अक्षय पात्र, मंदिर ट्रस्टों, मिड-डे-मील पकाने वाले स्वयं सहायता समूहों आदि का सहयोग लिया जाए.
मंडियों में जारी रहे अनाज की खरीद-फरोख्त...
गहलोत ने स्पष्ट किया कि मंडियों में अनाज की खरीद-फरोख्त पर कोई रोक नहीं है. सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद और पंजीकरण को स्थगित किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करते हुए मंडियों में कृषि जिंसों के खरीद-बेचान को जारी रखें.
बेजुबान पशु-पक्षियों की भी चिंता करें...
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसान के साथ-साथ गाय, भेड़, बकरी सहित अन्य मूक पशुओं की जान की भी हमें परवाह करनी है. लॉक डाउन के कारण मूक पशु-पक्षियों को दाना और चारा-पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उनके जीवन पर संकट आ गया है. पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था हमारी संस्कृति का अंग है.
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ऐसे में स्वयंसेवी और धार्मिक संस्थाओं तथा उदारमना लोग आगे आकर इन मूक पशु-पक्षियों के दाना-पानी की जिम्मेदारी उठाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि गौशालाओं में चारे-पानी की व्यवस्था करने वाले लोगों को लॉक डाउन के दौरान सुगमता से परमिट दिए जाए.
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