जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार गरीब, जरूरतमंद वंचित और पिछड़े तबकों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता और सेवाभाव के साथ कार्य कर रही है. हमारा प्रयास है कि हर वर्ग की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. सीएम ने रविवार को श्रीगंगानगर और नागौर जिले के मेड़ता में आयोजित कोरोना से प्रभावित गरीब और जरूरतमंद परिवारों की कन्याओं के सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे (CM Gehlot in mass marriage conference Sriganganagar).
इस दौरान गहलोत ने कहा कि सादगी जीवन का महत्वपूर्ण अंग है. सादगी से आयोजित होने वाले विवाह और अन्य समारोह सबके लिए मिसाल पेश करते हैं. ऐसे समारोहों को सदैव प्रोत्साहन देना चाहिए. उन्होंने सामाजिक सरोकार की दिशा में एनएसयूआई राजस्थान की इस पहल को सराहा और साधुवाद दिया (NSUI intiative of mass marriage Conference). मुख्यमंत्री ने नव दंपत्तियों को सुखी, सफल और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एनएसयूआई ने प्रदेशभर में 1008 कन्याओं के विवाह का लक्ष्य तय किया है. रविवार को उस कड़ी में 108 कन्याओं का नया जीवन शुरू होना एक पुनीत अवसर है. ऐसे विवाह सम्मेलन समाज के प्रति उत्तरदायित्व के निर्वहन का अनुकरणीय उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि रचनात्मक कार्य राजनीति का एक अहम अंग है. ऐसे कार्यों में शामिल होने वाले व्यक्ति किसी भी पद पर पहुंच जाएं, समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते रहते हैं. गहलोत ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण समाज में अल्पआय वर्ग और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया. राज्य सरकार ने संकट की इस घड़ी में सभी वर्गों के सहयोग से बेहतर प्रबंधन करते हुए जरूरतमंद परिवारों को हरसंभव राहत पहुंचाई. कोई भूखा न सोए के संकल्प को साकार किया.