जयपुर. प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेताओं को निशाने पर लिया है. गहलोत ने कहा कि प्रदेश में किस तरह से सांप्रदायिक माहौल बनाया जाए. इसके लिए भाजपा अलग-अलग हथकंडे अपना रही है, लेकिन शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास करने वाले यह समझ लें कि वह किसी भी पार्टी से हो या वर्ग से, अशांति फैलाने पर बख्शा नहीं जाएगा.
भाजपा को अफसोस, प्रदेश में शांति कैसे: सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहां रामनवमी पर दंगे भड़के. राजस्थान में सभी समुदायों ने साथ मिलकर रामनवमी का त्यौहार मनाया और रामनवमी के जुलूसों का हिन्दू, मुस्लिम, सिख समेत तमाम धर्मों, वर्गों के लोगों ने स्वागत किया. भाजपा को राजस्थान के लोगों की एकता और सौहार्दपूर्ण माहौल से ही परेशानी (CM Gehlot tweets targeting BJP over communal politics) है. ये अफसोस कर रहे हैं कि प्रदेश में रामनवमी का त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से कैसे मन गया?.
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गहलोत ने कहा कि भाजपा के नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कैसे प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बनाया जाए. इसलिए कभी ये करौली में जाकर भ्रामक बातें करते हैं तो कभी राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपते हैं, जिससे तनाव बना रहे. लेकिन प्रदेश सरकार ने प्रशासन को चाक-चौबंद रहने के निर्देश दिए हैं, जिससे कोई भी अप्रिय घटना ना हो सके. गहलोत ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति यदि राजस्थान की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वो किसी भी पार्टी या वर्ग से संबंध रखता हो.
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बीजेपी ने दिया था राज्यपाल को ज्ञापन: बता दें कि करौली हिंसा मामले को लेकर बीजेपी ने 2 दिन पहले ही राज्यपाल कलराज मिश्र को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर ज्ञापन दिया था. इतना ही नहीं बीजेपी के नेता करौली भी पहुंचे हैं जहां पर यह हिंसा हुई. भाजपा नेताओं की ओर से करौली हिंसा को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन पर गहलोत ने निशाना साधा है. गौरतलब है कि करौली में नववर्ष शोभायात्रा पर पथराव की घटना के बाद से ही बीजेपी के निशाने पर गहलोत सरकार आ गई है. प्रदेश ही नहीं बीजेपी के राष्टीय स्तर के नेता भी करौली हिंसा पर राज्य सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं.