जयपुर. प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं (road accidents in Rajasthan) को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है. सीएम गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज में अक्सर निजी अस्पताल आनाकानी करते हैं. जिसकी वजह से घायलों की मौत हो जाती है. ऐसे लापरवाही करने वाले अस्पतालों की मान्यता रद्द करनी होगी. प्रदेश सरकार इसको लेकर कानून लेकर आएगी.
आरटीओ-डीटीओ कार्यालयों के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना शुरू की है. जिसमें 5000 के इनाम का प्रावधान किया गया है, जो घायलों को अस्पताल पहुंचाएगा लेकिन इसके काम नहीं चलेगा. अक्सर देखा जाता है कि निजी अस्पताल वाले सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार में आनाकानी करते हैं. इसके लिए कानून पास करने की जरूरत पड़े तो उसको देखना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कागजों में हो रही पालना
सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज को लेकर निजी अस्पतालों को बाध्य करने की बात जब मुख्यमंत्री गहलोत ने कही. इस दौरान वीसी में मौजूद अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया हुआ है कि निजी अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायलों का इलाज प्राथमिकता से करेंगे. इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Road Accident Guideline) की नोटिफिकेशन की पालना कागजों में भले ही हो रही हो लेकिन धरातल पर नहीं हो रही है. इसके लिए सख्त कानून की जरूरत है. अगर इसके लिए अलग से कानून लाना पड़े तो उसके बारे में काम करना चाहिए.
यह भी पढ़ें.मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा- तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं ? शिक्षकों ने एक स्वर में कहा- हां..