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मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग देश के लिए कलंक : सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर दोहराया है कि प्रदेश में मॉब लिंचिंग एक कलंक है. गलतफहमी की वजह से भीड़ द्वारा किसी को मार दिया जाता है, जिससे उसकी पूरा परिवार तबाह हो जाता है. मुख्यमंत्री गहलोत ने यह बात गुरुवार को सचिवालय में सचिवालय संघ की ओर से आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.

rajasthan news, जयपुर में स्वतंत्रता दिवस की खबर

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Published : Aug 15, 2019, 6:05 PM IST

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सचिवालय में ध्वजारोहण किया. सचिवालय संघ की ओर से आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई दी. इस दौरान उन्होंने देश-प्रदेश के विकास पर भी खुलकर बोला.

सीएम गहलोत का मॉब लिंचिंग पर बयान

उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद आज हमारा देश और प्रदेश विकास की गति पर आगे बढ़ रहा है. एक वक्त था जब राजस्थान में 13 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था, लेकिन अब राजस्थान में 22 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. राजस्थान बिजली उत्पादन में सरप्लस की स्थिति में पहुंच गया है. सीएम गहलोत ने हाल ही में पहलू खान मामले पर कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर कहा कि मॉब लिंचिंग देश-प्रदेश के लिए एक कलंक है. इस मामले पर कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को बरी कर दिया, लेकिन इस तरह की घटना से सोचना चाहिए कि दो या दो से अधिक भीड़ की गलतफहमी की वजह से किसी एक युवक को मार दिया जाता है. उसके बाद उसका पूरा परिवार तबाह हो जाता है.

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सीएम ने कहा कि इसी को देखते हुए सरकार ने अपने हाल ही के बजट में मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के ऊपर विशेष कानून लेकर आई. गहलोत ने ने कहा कि जब भगवान ने दो लोगों को आपस में प्रेम के बंधन में बांध दिया तो फिर हम कौन होते हैं उन्हें अलग करने वाले. कोई लड़का या लड़की अदर कास्ट में भी शादी करता है तो माता-पिता को भी यह अधिकार नहीं है कि वह उनकी मर्जी के खिलाफ जाए. इस मौके पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने भी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई दी. मुख्य सचिव ने सचिवालय कर्मचारियों को कहा कि आजादी के सही मायने तभी साकार होंगे जब कर्मचारी और अधिकारी जिम्मेदारी से अपना काम करेंगे.

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या या शिकायत लेकर जब उनके पास आता है तो उसे पूर्ण जवाब देना चाहिए. उसके काम के लिए उसे इधर-उधर भेजने के बजाय उसकी काम को तत्काल प्रभाव से किया जाना चाहिए. किसी भी व्यक्ति की समस्या का आखिरी पड़ाव भी कर्मचारी होना चाहिए. डीबी गुप्ता ने कहा कि कर्मचारियों- अधिकारियों को पैसे के लालच में पीड़ित को एक जगह से दूसरी जगह पर घूमाते रहते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. बता दें कि सचिवालय कर्मचारी संघ की तरफ से हुए इस समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई. साथ ही मॉब लिंचिंग जैसी घटना पर सचिवालय कर्मचारियों द्वारा नाटक प्रस्तुत किया गया.

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