राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

नीति आयोग के साथ सीएम गहलोत की बैठक, कहा- सहयोगी संघवाद को मजबूत करने की दिशा में केंद्र बढ़ाए आर्थिक और नीतिगत सहयोग

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Gehlot) की नीति आयोग (NITI Aayog) के साथ बैठक की. जिसमें सीएम गहलोत ने जल जीवन मिशन में केन्द्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 करने, पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने, फसल खराबे के लिए केंद्र का अनुदान गिरदावरी रिपोर्ट के आधार से देने सहित 21 बिंदुओं पर चर्चा की.

CM Gehlot, NITI Aayog
नीति आयोग के साथ सीएम गहलोत की बैठक

By

Published : Aug 6, 2021, 7:50 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 10:51 PM IST

जयपुर.सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेशचंद्र, वरिष्ठ सलाहकार योगेश सूरी और सलाहकार राजनाथ राम के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने राज्य हित से जुड़े विभिन्न लंबित मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने इन विषयों पर पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण राज्यों का अर्थतंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इन स्थितियों में केंद्र सरकार के सहयोग के बिना किसी भी राज्य के लिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना आसान नहीं है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहयोगी संघवाद की भावना को मजबूत करने की दिशा में राज्यों को उनके विकास के लिए केंद्र से मिलने वाले आर्थिक और नीतिगत सहयोग को बढ़ाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि विगत कुछ साल में आर्थिक मंदी, कोरोना महामारी, प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य कारणों से देश के सभी राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

यह भी पढ़ें.बाढ़, बारिश और नुकसान...CM गहलोत ने दिए विशेष गिरदावरी के निर्देश

साथ ही सामाजिक सुरक्षा का दायरा और अधिक बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है. ऐसे में आर्थिक और सामाजिक विकास से जुड़ी गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए केंद्र सरकार राज्यों को अधिक सहयोग प्रदान करे.

जल जीवन मिशन में मिले 90 प्रतिशत केंद्रीय अंश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार राज्य को जल जीवन मिशन में उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह 50:50 के स्थान पर 90:10 के अनुपात में केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि साल 2013 तक राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम के तहत मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए 90:10 के अनुपात से केंद्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाती थी. बाद में इसे घटाकर 60:40 और अब 50:50 कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में सतही स्रोत सीमित होने के साथ ही गांव-ढाणियां दूर-दूर बसी हुई हैं. इसके कारण पेयजल योजनाओं की लागत अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक आती है.

ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय दर्जा, लंबित रेल परियोजनाओं पर जल्द शुरू हो काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र के 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए. करीब 37,247 करोड़ रुपये की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर की साल 2051 तक पेयजल आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी और 2 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा.

गहलोत ने कहा कि डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा, अजमेर (नसीराबाद) से सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, धौलपुर सरमथुरा-आमान परिवर्तन, गंगापुर सिटी तक रेल लाइन के विस्तारीकरण और गुलाबपुरा-भीलवाड़ा में मेमू कोच फैक्ट्री की स्थापना के कार्य को भी जल्द शुरू करवाया जाए.

राज्य की तर्ज पर केंद्र भी करे एमएसएमई नियमों में बदलाव

मुख्यमंत्री ने एमएसएमई एक्ट-2019 के अनुरूप प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को केंद्रीय अधिनियमों और नियमों के तहत निरीक्षण एवं स्वीकृति से मुक्त किए जाने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत एमएसएमई उद्यमों को राज्य में 3 वर्ष तक स्वीकृति एवं निरीक्षण से छूट दी गई है और ऐसा अधिनियम लागू करने वाला राजस्थान देष में प्रथम राज्य है.

स्वदेश दर्शन योजना में राज्य के प्रस्तावों को मिले जल्द मंजूरी

गहलोत ने कहा कि राजस्थान की पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में अलग पहचान है. यहां पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. ऐसे में स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत राज्य सरकार की ओर से प्रेषित विभिन्न पर्यटन अवसंरचना विकास प्रस्तावों और परियोजनाओं पर पुनर्विचार कर इनकी प्रषासनिक और वित्तीय स्वीकृति जल्द जारी की जाए. इनमें ईको-एडवेंचर सर्किट, मेगा डेजर्ट सर्किट, वाईल्ड लाईफ टूरिस्ट सर्किट, आदिवासी पर्यटन सर्किट, डीग-कुम्हेर-भरतपुर सर्किट, शेखावाटी सर्किट सहित श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ फोर्ट को विकसित करना तथा आमेर को आइकोनिक टूरिस्ट डेस्टीनेषन के रूप में विकसित करने की परियोजनाएं शामिल हैं.

एनडीआरफ और एसडीआरफ के प्रावधानों में हो संशोधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ित लोगों को सहायता उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है. उन्होंने सूखे के दौरान छोड़े गए अनुत्पादक और अन्य पशुओं का रख-रखाव करने वाली गौशालाओं के सभी पशुओं के लिए राहत सहायता उपलब्ध करवाने, वास्तविक प्रभावित कृषकों की संख्या के आधार पर कृषि आदान अनुदान का परिकलन करने और कृषि आदान अनुदान की पात्रता की सीमा को 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 हेक्टेयर तक करने की मांग रखी. उन्होंने सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए गौशालाओं और नंदीशालाओं के लिए सहयोग का आग्रह किया.

यह भी पढ़ें.REET 2021: RBSE ने परीक्षार्थियों को भाषा विषयों में ऑफलाइन संशोधन करने का दिया अवसर

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाए केंद्र

गहलोत ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या एवं पेंशन राशि को बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि इन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या की सीमा के कारण पात्र सभी व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते शेष पात्र व्यक्तियों को राज्य पेंशन योजनाओं में लाभांवित किया जा रहा है. ऐसे में केंद्रीय पेंशन योजनाओं में पेंशनर्स की संख्या की सीमा को समाप्त किया जाए.

खाद्य सुरक्षा का लाभ बढ़ी जनसंख्या के आधार पर मिले

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लाभार्थियों की सीमा में बढ़ोतरी की मांग भी रखी. उन्होंने कहा कि राज्य में जनगणना 2011 के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित करते हुए कुल 4.46 करोड़ व्यक्तियों के लिए सीलिंग सीमा निर्धारित की गई है. केन्द्र सरकार को सभी राज्यों के लिए 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार सीलिंग सीमा को पुनर्निर्धारित करना चाहिए.

गोडावण संरक्षण मामले में केंद्र का मिले सहयोग

गहलोत ने पश्चिमी राजस्थान में गोडावण संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर लगाई रोक के संदर्भ में केंद्र से आवश्यक सहयोग की अपेक्षा जताई है. उन्होंने कहा कि इस रोक के चलते राज्य के वर्ष 2025 तक के घोषित अक्षय ऊर्जा लक्ष्य 37.5 गीगावाट की प्राप्ति में बाधा आएगी. इससे वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट एवं वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट के राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति भी प्रभावित होगी.

यह भी पढ़ें.Catch the Rain Campaign : राजस्थान में 17066 वर्षा जल संचयन ढांचों का निर्माण किया गया

तीन मेडिकल कॉलेज, ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क को मिले स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापना के लक्ष्य के साथ काम कर रही है. केवल जालोर, प्रतापगढ़ एवं राजसमन्द जिले में ही सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज नहीं है. इन जिलों की पिछड़ी स्थिति एवं यहां की जनजातीय बाहुल्य जनसंख्या को देखते हुए इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज प्रस्तावों को जल्द स्वीकृति दी जाए. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश में तीन बल्क ड्रग पार्कों और चार मेडिकल डिवाइस पार्कों की स्थापना के लिए अधिसूचनाएं जारी की हैं. राज्य में इन पार्कों के विकास की विपुल संभावनाओं, भूमि की उपलब्धता एवं उद्यमियों की ओर से दिखाई गई रुचि को देखते हुए कोटा में एक बल्क ड्रग पार्क तथा जोधपुर में एक मेडिकल डिवाइस पार्क के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की जाए.

पीसीपीआईआर के लिए जल्द जारी हो नोटिफिकेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम, केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की स्थापना कर रही है. जिसमें रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आधारित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रस्तावित है. केन्द्र सरकार इसका नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करे. उन्होंने बजरी खनन के लिए प्रवर्तन एवं निगरानी गाइडलाइन-2020 की समीक्षा एवं संशोधन की भी मांग रखी. उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित, रोजगार सृजन एवं राजस्व अर्जन को ध्यान में रखते हुए वन और पर्यावरण मंत्रालय राजस्थान की स्थिति के संदर्भ में गाइडलाइन में संशोधन करें. उन्होंने राज्य के खनन से संबंधित लंबित मुद्दों के शीघ्र निस्तारण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया.

ऋण सुविधा के लिए बैंकिंग संस्थाओं को दें दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना कम्पोनेंट-ए तथा इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के सुचारू संचालन के लिए केंद्र की ओर से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया किया है. जिससे इन योजनाओं के लाभार्थियों को समय पर ऋण सुविधा प्राप्त हो सके.

कोविड का किया बेहतरीन प्रबंधन

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड की पहली और दूसरी लहर के प्रभावी प्रबंधन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य ने तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर प्रदेशभर में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है. ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की संख्या दोगुनी की जा रही है. एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तथा 40 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं. हर जिले में ऑक्सीजन बैंक स्थापित किए गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में घर के नजदीक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए 332 कोविड कन्सल्टेशन केयर सेंटर्स स्थापित किए गए हैं.

नीति आयोग ने राजस्थान की परफॉर्मेंस को सराहा

नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद्र ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, निर्यात क्षेत्र, स्कूली शिक्षा, मनरेगा, कृषि एवं पशुपालन, स्वास्थ्य, रिन्यूएबल एनर्जी, महिला सशक्तिकरण, एमएसएमई सेक्टर आदि क्षेत्रों में राज्य की परफोरमेंस को सराहा. उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर काम हुआ है. स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में हुए गुणात्मक सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इतने बड़े राज्य में शिक्षा का बेहतर स्तर अच्छा संकेत है.

Last Updated : Aug 6, 2021, 10:51 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details