जयपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण देश के कई हिस्सों में तेजी से बढ़ रहा है. संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर तबलीगी जमात को ज्यादा जिम्मेदार बताया जा रहा है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबलीगी जमात मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाने की मांग की है. साथ ही सीएम गहलोत ने एक बार फिर केंद्र सरकार से जीएसटी के पेटे प्रदेशों को मिलने वाली राशि के साथ कोरोना से निपटने के सभी राज्यों को विशेष आर्थिक पैकेज की मांग को दोहराया है.
सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को वीडियो से प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग की. इस कॉन्फ्रेंस में वे मीडिया से रूबरू हुए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना की स्थिति को जिन राज्यों ने गंभीरता से लिया, वहां पर इसके संक्रमण बढ़ने में रोक लगी. राजस्थान भी उनमें से एक है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि तबलीगी जमात का जो मामला हुआ है, वह हर राज्य में इशू बन गया है. सीरियस इशू है, जिसने भी गलती की है, उसे सजा मिलनी चाहिए. यह देश में ही नहीं दुनिया में मुद्दा बन चुका है. इसलिए रिटायर्ड जज से इस मामले की जांच करनी चाहिए. साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि यदि उन्होंने समय पर इत्तला की तो डीएम, एसपी ने कार्रवाई नहीं तो उन पर भी कार्रवाई करनी चाहिए. इस मामले की जांच करवाना चाहिए.
इटली में कोरोना का मरीज आते ही, तैयारी शुरू
वहीं प्रदेश में कोरोना से निपटने की तैयारी पर सीएम ने कहा कि इटली का पहला रोगी आते ही हमने रणनीति बनानकर काम शुरू किया और तैयारी अच्छी तरह से की. हालांकि, अभी रोगी आ रहे हैं, फिर भी काफी हद तक हम कामयाब हुए हैं. प्रदेश में साढ़े 7 करोड़ की आबादी में से 5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की है और 15 हजार टेस्ट किए हैं.
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यह भारत में सर्वाधिक है. 18 मार्च को धारा 144 लगाई. इसके साथ राजनीतिक दलों, समाजिक संगठनों और धर्मगुरुओं से वार्ता कर उनके फॉलोअर्स को सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की. स्वाइन फ्लू फैलने के समय हमारे संभाग मुख्यालयों पर बनी लैब, अब कोरोना वायरस से निपटने में काम आई. राजस्थान में सभी राजनीतिक दल और नेता मिलकर काम कर रहे हैं. भीलवाड़ा और जयपुर का रामगंज चिंता का विषय है लेकिन भीलवाड़ा में कन्ट्रोल हो चुका है.