जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं को अधिक युक्ति संगत बनाने और प्राथमिकता निर्धारण के लिए 4 राज्य स्तरीय समितियों का गठन किया है. ये समितियां कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं रोजगार सेवाएं, वंचित वर्गों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के तहत संचालित राज्य योजनाओं के संबंध में सुझाव देंगी.
ये समितियां विभिन्न विभागों की ओर से समान उद्देश्य और लाभांवित वर्ग के लिए संचालित भिन्न-भिन्न योजनाओं को 'अम्ब्रेला स्कीम' में (एक ही छाते के नीचे) लाने और उन्हें अधिक उपादेय बनाने, केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में उपलब्ध फ्लेक्सी फंड का राज्य की आवश्यकताओं व प्राथमिकताओं के अनुसार उपयोग के संबंध में सुझाव प्रस्तुत करेंगी. साथ ही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और प्रबंधन के लिए बेहतर नवाचार, पहल को अपनाने और लागू करने के संबंध में सलाह देंगी.
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कृषि और संबद्ध सेवाएं और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज से संबंधित समिति में प्रमुख शासन सचिव कृषि अध्यक्ष होंगे. शासन सचिव पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग, आयुक्त नरेगा, पंजीयक सहकारिता विभाग, निदेशक सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता, शासन सचिव वन और निदेशक वाटरशेड समिति के सदस्य होंगे. कृषि आयुक्त इस समिति के सदस्य सचिव होंगे और कृषि विभाग इसका प्रशासनिक विभाग होगा.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित समिति के अध्यक्ष होंगे. चिकित्सा, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा विभागों के शासन सचिव, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ, एनएचएम के निदेशक और निदेशक परिवार कल्याण इसके सदस्य होंगे. निदेशक जन स्वास्थ्य समिति के सदस्य सचिव होंगे. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य इसका प्रशासनिक विभाग होगा.
शिक्षा, प्रशिक्षण, रोजगार सेवाओं से संबंधित योजनाओं के रेशनलाइजेशन और प्राथमिकता निर्धारण के लिए गठित समिति में शासन सचिव स्कूल शिक्षा अध्यक्ष होंगे. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, श्रम, नियोजन, कौशल एवं उद्यमिता विभाग के शासन सचिव, संस्कृत शिक्षा एवं टीएडी आयुक्त, एमडी आरएसएलडीसी, निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और काॅलेज शिक्षा सदस्य होंगे. राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा इस समिति के सदस्य सचिव होंगे और स्कूल शिक्षा विभाग इस समिति का प्रशासनिक विभाग होगा.
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित वंचित वर्गों के कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा संबंधित समिति में विशेष योग्यजन, टीएडी एवं बाल अधिकारिता विभागों के आयुक्त और प्रारंभिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक सदस्य होंगे. निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता इस समिति के सदस्य सचिव होंगे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग प्रशासनिक विभाग होगा.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं के रेशनलाइजेशन एवं प्राथमिकता निर्धारण के लिए अधिकारी समूह गठित करने की घोषणा की थी.