जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की एनडीए यानी मोदी सरकार संघीय ढांचे में राज्यों को मजबूत बनाने की नीति पर चलने की बजाए विपरीत दिशा चल रही है. गहलोत ने रामनिवास बाग स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरु की मूर्ति पर पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद मीडिया के समक्ष यह बातें कहीं.
गहलोत ने कहा कि केंद्र की नीति होना चाहिए कि राज्य सरकारें मजबूत रहें तभी कोरोना वायरस पर नियंत्रण की बात हो या विकास का मुद्दा हो सभी सफल होंगे लेकिन एनडीए सरकार उल्टा चल रही है. हर मामने में हिस्सा राज्य सरकार का बढ़ा देती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जो सेंटरीलिंक स्पॉन्सर्ड स्कीम यानी सीएचएस से जुड़ी योजनाएं होती थीं उसमें 80% केंद्र और 20% राज्यों को देना होता था लेकिन अब सभी योजनाओं में केंद्र और राज्य का अनुपात 50:50 कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों के पास वित्तीय संसाधन बहुत कम है और हाल ही में महामारी की मार जो पड़ी है वह अलग है.
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जल जीवन मिशन का दिया उदाहरण, राज्यपाल की तारीफ की
मुख्यमंत्री ने इस दौरान जल जीवन मिशन योजना का भी जिक्र किया और कहा कि केंद्र ने अब 45 प्रतिशत अपना हिस्सा और 45 प्रतिशत राज्य का हिस्सा रखा है जबकि 10 प्रतिशत पब्लिक से एकत्रित करने के निर्देश हैं जिसमें काफी तकलीफ आ रही है. गहलोत के अनुसार इस मामले में कई डेलिगेशन उनसे मिल चुके हैं और केंद्र को भी यह बात समझना चाहिए. मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र की भी तारीफ की और कहा कि राज्यपाल ने हाल ही में राज्यपालों के सम्मेलन में यह बात उठाई जो मुझे अच्छी लगी.
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मुख्यमंत्री के अनुसार आज राजस्थान की भौगोलिक स्थिति दूसरे राज्यों से अलग है क्योंकि यहां गांव में काफी दूरियां हैं और सदियों से यहां पानी की समस्या रही है. इसलिए राज्य में 'दोस्त सर्विस डिलीवरी' है उसमें अन्य राज्यों की तुलना में कॉस्ट ऑफ डिलीवरी बहुत ज्यादा लगती है. मुख्यमंत्री के अनुसार चाहे पानी हो, बिजली हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या सड़कें अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में ज्यादा पैसा खर्च होता है और उसी के अनुरूप राज्य सरकार को प्राथमिकता पर रखकर मदद देनी चाहिए और अनुदान का फार्मूले में भी बदलाव करने चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल की बातों का केंद्र सरकार पर असर होगा और राज्य में जल्द ही कोई निर्णय लेंगे.
केंद्र कम करें तो खुद ही कम हो जाएगा वैट
पेट्रोल-डीजल पर वैट की कमी को लेकर हो रही सियासत पर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमें वWट कम करने की सलाह दी जा रही है जबकि मैं उनको खुद सलाह दे रहा हूं .इस मामले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को भी पत्र लिखा कि आप वैट कम कीजिए तो हमारा प्रतिशत खुद ही कम हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अलग-अलग कंपटीशन कर रही है. कोई 2 रुपये कम कर रही है तो कोई 5 रुपये कम कर रही है और कोई 7 रुपए, लेकिन उससे भी ज्यादा असमानता आएगी. फिर भी हम कैबिनेट की मीटिंग बुला रहे हैं. मंगलवार को कैबिनेट में और मंत्रिपरिषद की बैठक में विचार-विमर्श करेंगे और जो भी संभव होगा हम फैसला करेंगे.