जयपुर.दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार को 81 वर्ष की आयु में देहांत हो गया. शीला दीक्षित कांग्रेस के उन बड़े नेताओं में से शामिल थी जो नीति निर्धारण का काम करते थे. शीला दीक्षित के निधन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शोक जताते हुए कहा कि शीला दीक्षित के निधन से वह स्तब्ध है. शीला दीक्षित का निधन कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा नुकसान है. और वह एक बड़ी नेता के तौर पर हर कांग्रेसी के दिल में हमेशा याद रहेंगी.
वहीं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि दिल्ली के विकास के लिए शीला दीक्षित को हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने बिना थके दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने में अपना योगदान दिया. उनके निधन से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है.
साथ ही राजस्थान कांग्रेस के महासचिव रूपेश कांति व्यास ने कहा कि शीला दीक्षित का निधन कांग्रेस परिवार के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. आपको बता दें कि शीला दीक्षित दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. इसके साथ ही वे केरल की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
शीला दीक्षित के निधन पर सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम पायलट का ट्वीट
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ है. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है. उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था. विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीलाजी एक बेटे और एक बेटी की मां हैं. उनके बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं. दरअसल, मिरांडा हाउस से पढ़ाई के दौरान ही उनकी राजनीति में रुचि थी.
शीला दीक्षित का राजनीतिक सफर:शीला दीक्षित15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहीं. शीला दीक्षित इससे पहले 1984 से 89 तक वे कन्नौज, उत्तर प्रदेश से सांसद रह चुकी हैं. इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं. वह राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं.