जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन को लेकर फिर ट्वीट के जरिये केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार असंवेदनशील हो चुकी है. देशभर में लोग घरों में लोहड़ी का पर्व मना रहा हैं, लेकिन हमारे किसान भाई इस कड़ाके की ठंड में खुले में बैठे हैं.
सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा कि जो लोहड़ी खुशाली और किसान समुदाय के महत्व का प्रतीक है और देशभर के लोग इस पर्व को घरों में मना रहे हैं, लेकिन हमारे किसान खुले में बैठे हैं. उन्होंने कहा कि किसान खुले में बैठे हैं, जिसकी वजह से देशवासी आंदोलनरत किसानों के लिए चिंतित हैं. किसान अपने घरों से दूर हैं, खुले में बैठे हैं, इस देश ने ऐसी असंवेदनशील सरकार कभी नहीं देखी. गहलोत ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है, लेकिन किसान बिलों का समर्थन कर चुके सदस्यों की कमेटी से उन्हें उम्मीद नहीं है. मोदी सरकार को किसानों के धैर्य का इम्तिहान लेने के बजाय तीनों काले कृषि कानून वापस लेने चाहिए.
'क्षेत्रस्य पतिना वयं हितेनेव जयामसि'...
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि ऋगवेद की इस ऋचा का अर्थ है कि किसान के हित से ही हमारा कल्याण होता है. राजनीति के लिए धर्म का सहारा लेने वाली भाजपा को हमारे धार्मिक ग्रंथों में लिखी बातों का भी अनुकरण करना चाहिए. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर अन्नदाता को राहत देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि 12 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित वैदिक सम्मेलन में मोहनलाल सुखाड़िया विवि, उदयपुर के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज शर्मा ने यह ऋचा और इसका अर्थ बताया था. यह ऋग्वेद मंडल 4 सूक्त 57 की ऋचा है.