जयपुर. 70वें संविधान दिवस समारोह में बुधवार को शिरकत करने आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधन किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा कि हॉल में मौजूद लोगों ने तालियां बजाई. गहलोत ने कहा कि आप लोग मुझे जानते हैं, सुनते हैं पढ़ते हैं, आपको पता है मैं कभी छोड़ता नहीं हूं, बोल देता हूं. साथ ही आगे भी कोई कमी नहीं रखूंगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संबोधन संविधान दिवस समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज संविधान दिवस का मुबारक मौका है, जज साहिबान भी बैठे हुए है. मैं नहीं चाहता कि इस अवसर पर कुछ ऐसा मुंह से निकल जाए जो इस अवसर के अनुकूल न हो. इस समय जो देश का माहौल बना हुआ है, यदि उसको लेकर बैठे तो घंटा भर भी कम पड़ जाएगा.
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उन्होंने कहा कि आगे भी बोलने में कोई कमी रखूंगा भी नहीं. गहलोत के इस बयान के बाद पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. गहलोत ने कहा कि राज्य हित और राष्ट्रीय हित में यह मेरी जिम्मेदारी भी है. साथ ही जोड़ा कि राजस्थान की जनता ने मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया है. मैं तीन बार केंद्रीय मंत्री रहा, 5 बार पार्लियामेंट का मेंबर रहा. तीन बार राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष रहा और दो बार महामंत्री रहा. मैं हमेशा किसी न किसी पद पर रहा हूं.
गहलोत ने कहा कि मुझे जनता ने तीसरी बार प्रथम सेवक बनाकर भेजा है और यह मेरी ड्यूटी है कि जब कभी आप मुझे फेसबुक, टि्वटर पर सुने या मीडिया में देखें तो यह मान के चलिए उसमे भी मैं कोई कमी नहीं छोड़ने वाला हूं. इसके बाद फिर से पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. गहलोत ने कहा कि बाकी बातें जब असेंबली में बैठेंगे तब की जाएंगी.