जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के फैसले, जिसमें राज्य में स्टेट हाईवे पर निजी वाहनों से टोल शुल्क में छूट वापस लेने के बाद से विपक्ष में बैठी बीजेपी ने प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है. बीजेपी की तरफ से शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
वहीं इस बीच कांग्रेस सरकार ने साफ किया कि निजी वाहनों से टोल टैक्स केंद्र सरकार भी ले रही है तो स्टेट सरकार क्यों नहीं ले. उनका कहना रहा कि सड़कों की मरमत और रखरखाव के लिए यह निर्णय लिया गया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि निजी वाहनों से टोल टैक्स नहीं देने के पूर्ववर्ती सरकार के बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में लिए गए फैसले से प्रदेश में सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में टोल शुल्क की छूट वापस लेने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल द्वारा जनहित और राजकोष पर आने वाली बड़ी देनदारी को देखते हुए लिया गया है.
उनका कहना रहा कि सड़कों पर टोल लगाने का मुख्य उद्देश्य सड़कों का सुदृढ़ीकरण और इसके बाद रखरखाव करना है. पूर्ववर्ती सरकार ने 1 अप्रैल, 2018 से राज्य में निजी वाहनों को 55 स्टेट हाईवे पर लगने वाले टोल शुल्क से छूट प्रदान की थी. इस कारण आधार वर्ष 2017-18 के अनुसार 172 करोड़ रुपए के टोल शुल्क का नुकसान हुआ.
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इसका प्रदेश में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों पर विपरीत असर पड़ा है, क्योंकि अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन से सम्बन्धित अनुबंधकर्ता द्वारा मरम्मत और नवीनीकरण के कार्य भी नहीं कराए जा रहे हैं. साथ ही इस निर्णय से कुछ सड़क परियोजनाओं के नॉन-वाईबल होने की आशंका है, जिससे निर्माणाधीन सड़कों के कार्य भी भविष्य में प्रभावित होंगे और आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. छूट से पहले पीडब्ल्यूडी, आरएसआरडीसी और रिडकोर की विभिन्न सड़कों पर सालाना टोल शुल्क संग्रहण लगभग 851 करोड़ रुपए था. जिससे सड़कों की निर्माण राशि का पुनर्भरण और मरम्मत कार्य हो रहा था.