जयपुर. थानागाजी बहुचर्चित गैंगरेप मामले में मंगलवार को अलवर की SC-ST स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुना दी है. गैंगरेप प्रकरण के पांचों आरोपियों को दोषी करार देने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला इस बात का उदाहरण देता है कि समय पर जांच की जाए तो जल्द ही न्याय दिलाया जा सकता है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि थानागाजी मामले में कोर्ट से आया यह फैसला स्वागत योग्य है. यह फैसला इस बात का उदाहरण देता है कि समय पर जांच पूरी कर ली जाए तो थोड़े समय में ही न्याय दिलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कर रहे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी प्रशंसा के पात्र हैं.
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गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस बात को लेकर कटिबद्ध है कि राज्य में कोई अपराध ना हो. साथ ही सभी मामलों की निष्पक्ष जांच और समय पर सुनवाई पूरा कर दोषियों को सजा दी जाए.
क्या है पूरा मामला...
ये मामला 2 मई 2019 का है. एक दलित पति-पत्नी अलवर थानागाजी रोड पर मोटरसाइकिल से थानागाजी की ओर जा रहे थे. तभी एक एकांत स्थान में आरोपियों ने पीड़ित परिवार की मोटरसाइकिल रुकवा दी और पीड़िता को खींचकर एकांतस्थान में ले गए. पीड़िता ने आरोप लगाया कि यहां पर 5 दरिंदों ने उनके साथ गैंगरेप किया, इस दौरान बदमाशों ने वीडियो भी बनाए. घटना के दौरान बदमाशों ने पीड़िता के पति को उसके सामने ही बांध रखा था.
एक अभियुक्त ने घटना को रिकॉर्ड करने के बाद इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. इस घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की काफी निंदा हुई थी. साथ ही इस घटना की गूंज देश भर में सुनाई दी थी. इस मामले में अशोक, इंद्राज, महेश, हंसराज और छोटेलाल को आरोपी बनाया गया.
विशेष कोर्ट के जज बृजेश कुमार शर्मा ने फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को उम्रकैद के साथ ही जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि न्यायालय में जमा होगी, जिसके बाद उसे विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से पीड़िता को दी जाएगी. इस मामले में SC-ST विशेष न्यायालय ने हंसराज, इंद्राज, अशोक और छोटेलाल को आईपीसी व आईटी एक्ट में दोषी माना है. जबकि मुकेश को आईटी एक्ट में दोषी माना गया है. इसके अलावा छठा आरोपी बाल अपचारी है, उसका मामला बाल न्यायालय में चल रहा है.