जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना का लाभ किसानों को प्राथमिकता के आधार दिलवाएं. उन्होंने कृषि और संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस योजना के तहत बैंक से ऋण दिलाने में किसानों की सहायता करने और जिला स्तर पर अभियान चलाकर किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए.
सीएम गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर कृषि, सहकारिता एवं अन्य विभागों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस योजना से ना केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, बल्कि फसल उत्पादों में वैल्यू एडिशन होने से उनकी कीमत भी बढ़ेगी. साथ ही स्थानीय स्तर पर कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इस योजना के तहत किसानों को कृषि प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर एक करोड़ रुपए तक ऋण मिल सकता है, जिस पर राज्य सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है.
क्रेडिट सोसायटी की धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए मैकेनिज्म तैयार करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की ओर से आम जनता को निवेश के नाम पर धोखा देकर उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई लूटने की शिकायतें चिंता का विषय है. उन्होंने अधिकारियों को ऐसा मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए कि भविष्य में प्रदेश में ऐसी कोई भी को-ऑपरेटिव सोसायटी गरीब जनता को झांसे में नहीं ले सके. उन्होंने कहा कि आम जनता को ऐसी सोसायटियों से बचाने के लिए जागरूक करने की भी जरूरत है.
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कृषक कल्याण कोष से 250 करोड़ रुपए स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने किसानों को रबी फसल वर्ष 2019-20 के बीमा क्लेम के शीघ्र भुगतान के लिए 250 करोड़ रुपए प्रीमियम कृषक कल्याण कोष से स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए. गहलोत के इस निर्णय से लगभग 2.50 लाख किसानों को लगभग 750 करोड़ रुपए के बीमा क्लेम का जल्द से जल्द भुगतान किया जा सकेगा. उन्होंने विभिन्न जिलों में 3723 डिग्गियों के निर्माण पर कृषक कल्याण कोष से 95.87 करोड़ रुपए के शीघ्र भुगतान के लिए निर्देश दिए. इस हेतु कृषक कल्याण कोष से भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
सहकारी संस्थाओं में 1000 पदों पर भर्ती होगी शुरू
गहलोत ने कहा कि विभिन्न सहकारी संस्थाओं में 1000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए. इसके लिए उन्होंने विभाग के सेवा एवं भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन 3 महीने में पूरा कर भर्ती की अभ्यर्थना सहकारी भर्ती बोर्ड को भेजने के निर्देश दिए.
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए राज्य स्तरीय समिति
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, पैक्स, लैम्प्स आदि के माध्यम से किसानों को भारत सरकार की ओर से शुरू किए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का अधिकाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया है. राजस्थान में इस फंड के तहत 9 हजार करोड़ रुपए आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है और नवगठित समिति इसकी क्रियान्विति की नियमित माॅनिटरिंग करेगी.
मंडी प्रांगण में भूखंडों का आवंटन
गहलोत ने राज्य की कृषि उपज मंडी समितियों के प्रांगण में सार्वजनिक सुविधाओं के संचालन के लिए भूखंडों का आवंटन करने का भी निर्णय लिया है. इन भूखंडों पर मंडी में किसानों के लिए सामुदायिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा.
सहकारी भंडारों के मेडिकल विक्रय केन्द्र ऑनलाइन
मुख्यमंत्री ने काॅनफेड एवं सहकारी उपभोक्ता भंडारों में एकरूपता लाने और इनके माध्यम से दवाओं की पारदर्शी एवं समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 4.15 लाख पेंशनरों की सहुलियत के लिए सभी सहकारी भंडारों के मेडिकल विक्रय केन्द्रों को ऑनलाइन किया जाएगा. साथ ही उसे राज्य सरकार के ट्रेजरी एवं पेंशन विभाग से भी जोड़ा जाएगा. काॅनफेड एवं सहकारी उपभोक्ता भंडारों के लिए दवाओं की खरीद भी केन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत करने का निर्णय लिया गया.
पशुपालकों को पशुधन के आधार पर अधिकाधिक केसीसी जारी होंगे
गहलोत ने राजस्थान के 5 लाख पशुपालक किसानों को पशुधन के आधार पर भी अधिकाधिक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी करने हेतु चलाए जा रहे अभियान की नियमित माॅनिटरिंग राज्य सरकार के स्तर पर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी एवं आयोजना के माध्यम से की जाएगी. इस निर्णय से जमीन और पशुधन रखने वाले किसानों के लिए केसीसी की साख सीमा बढ़कर 3 लाख रुपए तक हो जाएगी. जिन किसानों के पास केवल पशु हैं, उन्हें 1.60 लाख रुपए की केसीसी साख सीमा तक ऋण दिया जाएगा.
1000 सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी का दर्जा
मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश की 1000 नई ग्राम सेवा एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को इसी वर्ष निजी गौण मंडी का दर्जा देने का निर्णय के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी. ये मंडियां पूर्व में घोषित 550 निजी गौण मंडियों के अतिरिक्त हैं. साथ ही शेष रही सहकारी समितियों को भी आगामी वर्षों में चरणबद्ध रूप से गौण मंडी का दर्जा दिया जाएगा. इससे दूरस्थ गांवों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो सकेगी.
23.91 लाख किसानों को मिलेगा ऋण
कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि सहकारिता विभाग की ओर से वर्ष 2019-2020 में 21.86 लाख कृषकों को 9541 करोड़ रुपए का अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण वितरित किया है. वर्ष 2020-21 में खरीफ फसल के लिए 23.91 लाख किसानों को 7343.71 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया है, इसमें 2.25 लाख नए कृषकों को 393.80 करोड़ रुपए का ऋण बांटा गया.
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मीणा ने बताया कि कोरोना को देखते प्रदेशभर में गौण मंडियों के माध्यम से कृषि उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई. विभिन्न जिलों में 430 गौण मंडियों में 155.31 करोड़ रुपए की कृषि उपज खरीदी गई.
टिड्डियों से बचाव के लिए पहले ही करें पुख्ता व्यवस्था
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि प्रदेश में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण के लिए दवा छिड़काव किया गया. इस वर्ष प्रदेश के 33 में से 32 जिलों में टिड्डियों का प्रकोप रहा, जिस पर कृषि विभाग ने स्थानीय लोगों, जिला प्रशासन और अन्य विभागों के साथ मिलकर काबू पाया है. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में टिड्डियों के नए दलों के आक्रमण की आंशका है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टिड्डिया फिर से फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाए, इसके लिए पहले से ही पुख्ता व्यवस्था की जाए.