जयपुर. पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला के पद्भार ग्रहण समारोह में पहुंचे तो केन्द्र सरकार की नीतियों पर प्रहार करने से नहीं चूके. किसानों की बेहतरी को लेकर अपनी योजनाएं गिनाईं और प्रधानमंत्री को वो बयान याद दिलाया जिसमें उन्होंने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का दावा किया था. सीएम ने कहा कि केन्द्र अपनी कोशिशों में कामयाब नहीं हो पाया है हालांकि उनकी सरकार लगातार किसानों को मजबूत करने की योजनाओं पर काम कर रही है. उन्होंने कृषि बजट का भी जिक्र किया. कहा कि पहली बार वो इस तरह का बजट (CM On Krishi Budget 2022) पटल पर रखने वाले हैं.
ये पहला प्रयास है: CM ने कहा- हम तैयारी में जुटे हैं.ये पहला प्रयास है. उसमें कुछ कमी रहेगी तो अगली बार और सुधार करेंगे क्योंकि परफेक्ट कुछ नहीं होता.लगातार सुधार की गुंजाइश रहती है. जो व्यक्ति जिंदगी भर सीखता रहता है वह सुखी रहता है. अभी कृषि के लिए अलग से बिजली कंपनी बनाने की भी तैयारी चल रही है उसने समय लग रहा है क्योंकि वो बड़ा काम है.
गहलोत बोले- पहली बार आ रहा है अलग कृषि बजट, जो चाहो वो मांग लो पढ़ें- Budget Session 3rd Day: राजस्थान विधानसभा में आज भी जारी रहेगा विपक्ष का हंगामा, प्रश्नकाल में उठेंगे कई मुद्दे
आयोग के गठन का होगा लाभ: 3 साल बाद किसान आयोग की खाली पड़ी कुर्सी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला ने आज पदभार ग्रहण किया. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत से लेकर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया मंत्री टीकाराम जूली विधानसभा सभापति राजेंद्र पारीक और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा मौजूद रहे. वहीं उपाध्यक्ष पद पर दीपचंद खेरिया ने पदभार ग्रहण किया. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि महादेव खंडेला के राजनीतिक अनुभव का फायदा आयोग को मिलेगा. सीएम ने कहा कि आयोग सरकार को सलाह देगा कि कृषि के क्षेत्र में क्या कर सकते हैं.
इजराइल से सीख कर आया डेलिगेशन:सीएम ने कहा कि किसानों की आमदनी कैसे बढ़े, खेतों में फूड प्रोसेसिंग सिस्टम के लिए कन्वर्जन की छूट दे दी गई है. करोड़ों रुपए के अनुदान तय किए गये हैं. पिछले आयोग का डेलिगेशन इजराइल गया था. पहले वहां रेगिस्तान थे लेकिन आज विश्व में कृषि भूमि के पहचान बन गई है. राजस्थान में भी बहुत गुंजाइश है. यहां किसानों ने अकाल की सदियों तक मार झेली है. हालांकि अब मानसून का मिजाज बदल गया है. ट्यूबवेल से पानी की व्यवस्था हो जाती है.
पहले किसानों के सामने बहुत सारी चुनौतियां हुआ करती थी. लेकिन यूपीए गवर्नमेंट ने कानून बनाकर अधिकार देने के युग की शुरुआत की. खाद्य सामग्री का अधिकार, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार दिया.
शिक्षा को लेकर भी प्लान तैयार, याद किया अपना तुक्केबाजी का दौर: सीएम ने कहा- प्रदेश में भी इंग्लिश स्कूल का क्रांतिकारी कदम उठाया गया. हालांकि वो खुद बचपन से अंग्रेजी विरोधी रहे हैं. पहले दक्षिणी राज्यों में हिंदी का विरोध होता था. तब उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी क्या काम आएगी. तो उनकी भी अंग्रेजी को लेकर हैबिट नहीं बनी. तुक्केबाजी कर काम चलाया करते थे, लेकिन अब गांव में भी अंग्रेजी स्कूल खुलने लग गए हैं. 10-15 साल में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. बचपन से ही प्री प्राइमरी में अंग्रेजी पढ़ेंगे, तो उनकी जुबान पर इंग्लिश आएगी और फिर देश- दुनिया में कहीं भी जाओ तो उनमें कॉन्फिडेंस रहेगा, और वो अपना उद्देश्य पूरा कर पाएंगे.
ये भी पढ़ें- पेपर आउट करने वालों की संपत्ति जब्त होगी, 10 साल तक की सजा के प्रावधान वाला बिल लाएगी गहलोत सरकार
नरेगा से मिला रोजगार: आखिर में उन्होंने नरेगा का जिक्र करते हुए कहा नरेगा कानून बनाकर 100 दिन के रोजगार का अधिकार दे दिया. किसानों को इसकी जानकारी नहीं कि काम मांगने पर यदि काम नहीं मिलेगा तो घर बैठे पैसा मिलेगा. नरेगा स्कीम के जरिए आज अकाल की स्थिति भी बने तो किसी के चेहरे पर चिंता की लकीर नहीं आएगी. राज्य सरकार किसानों के लिए कई योजना ला रही है. दूध उत्पादकों को सब्सिडी दी गई. अब किसान आयोग से भी सुझाव मांगे गए हैं. फिलहाल जो चाहो वो मांग लो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा.
ये भी पढ़ें- Khachariyawas Targeted BJP : भाजपा ने तो महात्मा गांधी की शर्म नहीं की और अपनी पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को भी नहीं छोड़ा...
खंडेला बोले करेंगे बेहतरी के लिए काम: नवनियुक्त अध्यक्ष महादेव खंडेला ने सीएम अशोक गहलोत (Rajasthan Legislative Assembly Budget 2022) का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान आयोग के चेयरमैन होने के नाते वो खुद और उपाध्यक्ष दीपचंद खेरिया किसानों के हित में ज्यादा से ज्यादा काम करेंगे. किसानों की समस्याएं और सुझाव मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री तक पहुंचाएंगे. ताकि राजस्थान में किसानों का ज्यादा से ज्यादा विकास हो सके.
उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में कृषि बजट अलग से आ रहा है. ये सीएम अशोक गहलोत की किसानों की प्रति संवेदनशीलता है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने आज तक जितने भी वादे किए वो सब गलत और झूठे थे. उन्होंने किसानों से किया कोई वादा पूरा नहीं किया. किसानों के खिलाफ उन्होंने कानून बनाया, जिन्हें किसानों के आंदोलन से डर कर वापस लेने पड़े. हालांकि इस दौरान खंडेला राज्य सरकार के बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कुछ भी कहने से बचते नजर आए.