जयपुर. विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ ही सदन में हंगामा भी जमकर बरपा. विपक्ष ने गौवंश में फैली लंपी रोग को लेकर सरकार को घेरना चाहा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर उन्हें धरना ही देना है तो दिल्ली में जाकर दें. गौवंश में फैली लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराएं. इसके साथ ही गहलोत ने विधानसभा सत्र का सत्रावसान को लेकर भी राज्यपाल कलराज मिश्र को जिम्मेदार ठहराया. गहलोत ने कहा कि पिछली बार बीजेपी के लोगों के दबाव में राज्यपाल ने विधानसभा सत्र नहीं बुलाया था. इसलिए इस बार हमने जानबूझकर सत्रावसान नहीं किया.
बीजेपी ने नया मॉडल बना दिया : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के बाहर धरना दे रहे हैं. इनसे पूछो कि ये नौबत क्यों आई ? असेंबली लगातार रखी गई क्यों? मैं बार-बार कह रहा हूं कि बीजेपी ने जो नया मॉडल बनाया देश के अंदर सरकार गिराने का, ये लोकतंत्र में अच्छा नहीं है. हिमाचल प्रदेश, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अब अन्य राज्यों में उनकी नजरें हैं. ये अच्छी बात नहीं है. बीजेपी ने अपने आप में हॉर्स ट्रेडिंग का और सरकार गिराने का (Allegations on BJP Over Horse Trading) एक मॉडल बना दिया है.
राज्यपाल को मजबूर किया : गहलोत ने विधानसभा के सत्रावसान को लेकर बीजेपी की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि हमने जानबूझकर कर नियमित रखा. सत्रावसान नहीं किया, लेकिन इसकी नौबत क्यों आई. पिछली बार बीजेपी के लोगों ने राज्यपाल को मजबूर कर दिया कि विधानसभा सत्र नहीं बुलाए. कैबिनेट रिक्वेस्ट कर रही कि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाए, लेकिन विधानसभा सत्र नहीं बुलाया गया, जो आज तक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ.
गहलोट ने कहा कि जिस तरह से विधानसभा सत्र को लेकर राज्यपाल की भूमिका रही, उसको लेकर एडिटोरिय लिखे गए पहले कभी नहीं लिखे गए. गहलोट ने कहा कि यह भी अपने आप में एक इतिहास है, अब तक उल्टा होता है. जब बहुमत नहीं होता तो राज्यपाल निर्देश देता है कि सरकार अपना असेंबली बुलाकर अपना बहुमत सिद्ध करें, यहां उल्टा हो गया. हम विधानसभा सत्र बुलाना चाह रहे थे और राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दे रहे थे. इसलिए यह नौबत आई कि हमें जानबूझकर विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किया.