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कोरोना रोकथाम को लेकर CM गहलोत ने किया जनप्रतिनिधियों से संवाद, पूनिया ने दिए सुझाव

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. इस दौरान सतीश पूनिया ने कई सुक्षाव दिए.

CM Gehlot interacted with public representatives, Satish poonia
पूनिया ने दिए सुझाव

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Published : May 11, 2021, 9:04 PM IST

जयपुर.प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जनप्रतिनिधियों से संवाद कर सुझाव लिया. इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कई अहम सुझाव मुख्यमंत्री को दिए. पूनिया ने कहा कि देश और प्रदेश में कोरोना की बड़ी चुनौतियां हैं. इस समय सियासत से ऊपर उठकर हम सबको मिलजुल कर इस जंग को लड़ना है और जितना भी है.

पूनिया ने दिए सुझाव

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पूनिया ने कहा कि केंद्र सरकार भी इस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पुरजोर कोशिश और बेहतर प्रबंधन कर रही है. वहीं, राज्यों की सरकार भी अपने-अपने तरीके से इस जंग में जुटी है. इस दौरान सतीश पूनिया ने कई सुझाव भी दिए, जो इस प्रकार है...

  • हम सभी जनप्रतिनिधि मिलकर एक सकारात्मक वातावरण बनाने में बड़ी भूमिका निभाएं. कोरोना की एडवाइजरी की पालना को लेकर समय-समय पर लोगों से अपील की जानी चाहिए.
  • राज्य में डोर-टू-डोर सर्वे और टेस्टिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत.
  • सीएचसी और पीएचसी भविष्य में मेडिकल हेल्थ के एक्शन प्लान में स्थाई रूप से शामिल हो जाएं. यह स्वास्थ्य इकाइयां जब तक सुधरेंगी नहीं तब तक हम नीचे तक की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ नहीं कर पाएंगे.
  • प्रदेश में एक बड़ी चुनौती ऑक्सीजन, बेड्स, वेंटिलेटर, दवाइयां इत्यादि की कालाबाजारी है, इन्हें रोकने के लिए सख्त कदम उठाना होगा.
  • कई इलाकों में वेंटिलेटर्स को ऑपरेट करने के लिए ट्रेंड लोग नहीं है, तो ऐसे कार्यों को हमें प्राथमिकता में लेने की जरूरत है.
  • इस महामारी में स्वास्थ्यकर्मी, चिकित्साकर्मी, नर्सेज, कम्पाउंडर, आशा सहयोगिनी भी पूरे जोखिम के साथ कार्य कर रहे हैं. इनको सहूलियत एवं मनोबल बनाए रखने के लिये स्टाइपेंड, मानदेय सहित तमाम सुविधाएं दी जा सकती हैं, प्रमोशन में वेटेज दिया जा सकता है.
  • चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना लागू की, जिसकी मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है. क्या लोग पंजीकरण के लिए जागरूक हैं, क्या जो लोग पंजीकरण करा चुके हैं उनको निजी अस्पताल सुविधाएं दे पा रहे हैं
  • प्लाज्मा डोनेशन के लिए निजी अस्पतालों में 16,500 रुपए लिए जा रहे हैं. इस मामले में राज्य सरकार को डोनर्स और रिसीवर को राहत देने की आवश्यकता है.

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