जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना अभी तक पूरी तरह गया नहीं है. पिछ्ले कुछ दिनों में केरल एवं महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में प्रदेशवासी सतर्क और सजग रहें. मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हेल्थ प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना की जाए.
पढ़ें-बड़ा फैसला: महाराष्ट्र और केरल से राजस्थान आने वालों को कोरोना RTPCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य
गहलोत ने महाराष्ट्र एवं केरल से आने वाले यात्रियों के राजस्थान में आगमन पर यात्रा प्रारंभ करने के 72 घंटे के भीतर करवाए गए आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही रेलवे स्टेशन एवं हवाई अड्डे पर उनकी स्क्रीनिंग करने के भी निर्देश दिए हैं.
सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आने के बाद राज्य सरकार ने व्यावसायिक एवं सामाजिक गतिविधियों में छूट दी थी, लेकिन ऐसा देखने में आया है कि कुछ लोग कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर गंभीरता नहीं बरत रहे हैं. इसे देखते हुए उन्होंने प्रदेशभर में मार्च के प्रथम सप्ताह से पुनः जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. यह अभियान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की ओर से चलाया जाएगा.
पढ़ें- कोविड-19 के नए स्ट्रेन को लेकर राजस्थान में अलर्ट, पहले की तरह सभी सावधानियां बरतने के निर्देश
कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का विषय
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का विषय है क्योंकि यह बीमारी कब क्या रूप ले ले कोई नहीं जानता. इसे देखते हुए कुछ राज्यों ने आवागमन पर फिर पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है. प्रदेश कोविड की तीसरी लहर से बचा रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम पूरी सावधानी रखें.
लोगों को किया जाए जागरूक
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि होर्डिंग, बैनर, पैम्पलेट, सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी सहित अन्य माध्यमों से लोगों को लगातार जागरूक किया जाए. गहलोत ने कहा कि यद्यपि राजस्थान टीकाकरण के मामले में अग्रणी राज्य है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जाएं.
टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां दूर हों
लोगों के बीच टीकाकरण की भ्रांतियों को दूर करने के साथ ही उन्हें इसके फायदों के बारे में जागरूक किया जाए. उन्होंने वैक्सीनेशन अभियान को और व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए राज्य के अब तक के अनुभव के आधार पर केन्द्र सरकार को पत्र लिखने के भी निर्देश दिए.
सतर्कता बरतना बेहद जरूरी
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि विभिन्न गतिविधियों में मिली छूट के बाद लोगों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर पहले जैसी गंभीरता नहीं रही है. इस लापरवाही से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोविड के केस फिर बढ़े हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों के अध्ययन के मुताबिक देश में साउथ अफ्रीका, ब्राजील और यूके के स्ट्रेन के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए सतर्कता बरतना जरूरी है.
वैक्सीन की दूसरी डोज जरूर लगवाएं
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि हैल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई गई वैक्सीन काफी प्रभावी है और इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है. अध्ययन के मुताबिक वैक्सीनेशन की पहली डोज के बाद ही लोगों में अच्छी एंटीबॉडी बन रही है, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए दूसरी डोज आवश्यक रूप से लगवाएं. उन्होंने कहा कि कोविड से ठीक हुए लोगों में भी करीब 40 फीसदी एंटीबॉडी ही बन पाती है, इसलिए वे भी अपनी सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन जरूर करवाएं.