जयपुर. देश में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत अपने 2 साल के कार्यक्रम में भी केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि सरकार किसानों के आशीर्वाद से बनती है. ऐसे में किसानों के मान सम्मान की प्रतिष्ठा सरकार के मान-सम्मान की प्रतिष्ठा से बड़ी है.
'किसानों की प्रतिष्ठा हमारी प्रतिष्ठा से ज्यादा' सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों का आंदोलन पूरे देश में ऐसी स्थिति में आ गया है कि अब भारत सरकार को चाहिए कि सब काम छोड़कर अब जो अन्नदाता किसान हैं, उनके मान-सम्मान को बचाएं. उन्होंने कहा कि हम सब तो जनप्रतिनिधि हैं, वो किसानों के आशीर्वाद से चुनाव जीतकर आते हैं. ऐसे में किसानों की प्रतिष्ठा ज्यादा है. अगर आप कोई निर्णय वापस लेते हैं तो आपका बड़प्पन दिखता है, क्योंकि भारत मे डेमोक्रेसी है राजशाही नहीं है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में अजीब स्थिति बन गई है कि बिना डिस्कशन के संसद में कानून पास हो जाते हैं. अगर ये कानून सेलेक्ट कमेटी में भेज देते और वहां से चर्चा होकर यह पास हो जाता तो सबको विश्वास रहता. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोविड-19 के कारण शीतकालीन सत्र नहीं बुला रही है, लेकिन जब ये तीनों कानून पास करने थे तो संसद बुला ली गई. उन्होंने कहा कि हमने जब राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा तो हमें समय नहीं मिला.
राज्यपाल की पता नहीं क्या मजबूरी है...
सीएम गहलोत ने राजस्थान विधानसभा से पास किए गए केंद्रीय कृषि कानूनों के संशोधनों को लेकर कहा कि राजस्थान हमने तीन कानून पास किए हैं. ये तीनों कानून राज्यपाल के पास अटके पड़े हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल तीनों कानूनों को राष्ट्रपति को नहीं भेज रहे हैं, पता नहीं राज्यपाल की क्या मजबूरी है. वह कानून अगर राष्ट्रपति के पास पहुंच जाता है तो उनको पता है उसका क्या नतीजा होगा.