जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिरंजीवी योजना के शुभारंभ के दौरान कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों पर बात करते समय भावुक हो गए. गहलोत ने प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हो रही मौतों पर चिंता जाहिर किया. उन्होंने कहा कि सरकार के काम और व्यवस्थाओं से किसी की मौत हो यह मुझे सहन नहीं होगा. इसलिए लोग समझें कि उनके हाथ में ही इस कोरोना का इलाज है.
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गहलोत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग घरों में ही रहे. उन्होंने कहा कि लोग मास्क को अपने जीवन का हिस्सा मानते हुए सभी जगह मास्क लगाकर ही रहे. उन्होंने कहा कि कोरोना गइडलाइन की पालना करके ही हम कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं और इसकी चेन को तोड़ने में कामयाब होंगे.
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर आम जनता से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने की जिम्मेदारी आम जनता की है. उन्होंने कहा कि अगर हम घर में रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे. अगर संख्या बढ़ेगी तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे क्योंकि संख्या को रोकना जनता का काम है.
लोगों के पास कोरोना का इलाज
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 7 करोड़ जनता तक कोई मंत्री नहीं पहुंच सकता, ना विधायक पहुंच सकता है और ना सरकार पहुंच सकती है. किसी के पास इसका कोई इलाज नहीं है, केवल लोगों के हाथ में इसका इलाज है. सीएम गहलोत ने भावुक होते हुए कहा कि लोगों को बचाने के लिए मुझे अगर पूरा बजट भी खर्च करना पड़े तो भी मैं उसके लिए पूरी तरीके से तैयार हूं. लेकिन सरकार के कार्य व्यवस्थाओं से किसी की मौत हो तो यह मुझे सहन नहीं होगा.
उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी घरों में सुरक्षित रहें और मास्क को अपना जीवन का एक हिस्सा बना लें. उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना का संक्रमण हवा में फैल रहा है, यह विशेषज्ञों का आकलन है. सरकार की ओर से लगातार गाइडलाइन बनाई जा रही है. इसके जरिए लोगों को पाबंद भी किया जा रहा है कि वह अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकले.
बीमारी जब पीक पर पहुंचती है तो कई नुकसान होते हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अभी किसी को यह पता नहीं है कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आएगी या नहीं. लेकिन सब जानते हैं कि जब भी किसी बीमारी पीक पर पहुंचती है तो उसके कई बड़े नुकसान होते हैं. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है जब भी दूसरी और तीसरी लहर आती है तो बहुत खतरनाक होती है.
उन्होंने कहा कि 1918 में जब स्पेनिश फ्लू आया था तब भी यही हाल हुए थे. करोड़ों लोगों की जान चली गई थी. आज ऑक्सीजन के लिए हम केंद्र सरकार पर निर्भर हैं, दवाइयों की कमी है, मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से लगातार इस बात की अपील करते रहे कि वह वैक्सीन को फ्री करें.
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