जयपुर. राजस्थान के कद्दावर जाट नेता 8 बार के विधायक और 4 बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के खिलाफ टिप्पणी करना भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया और भाजपा दोनों को भारी पड़ गया. कांग्रेस अब इसे मुद्दा बना रही है और भाजपा पर किसान कोम का विरोधी होने के आरोप लगा रही है. एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी इस मुद्दे पर एक साथ आ गए. दोनों ने शीशराम ओला पर बयानबाजी को गलत बताया.
पढ़ें: जाट नेता शीशराम ओला पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया की टिप्पणी, डोटासरा ने पूनिया ने पूछा सवाल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा "भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया का शीशराम ओला पर की गई टिप्पणियों कि मैं भर्त्सना करता हूं, इससे प्रदेश की जनता में भारी आक्रोश पैदा हुआ है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अविलंब राजस्थान की जनता से माफी मांगनी चाहिए".
सचिन पायलट ने भी शीशराम ओला पर टिप्पणी की निंदा की. पायलट ने ट्वीट कर लिखा "कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किसान हितेषी स्वर्गीय शीशराम ओला पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता की अमर्यादित टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है. देश एवं प्रदेश के विकास में शीशराम ओला का योगदान विशालकाय है. इस असभ्य शब्दावली का प्रयोग ऐसे नेताओं की संस्कारहीन सोच का प्रमाण है".
शीशराम ओला की पौत्रवधू आकांक्षा ओला ने गौरव भाटिया को ट्वीट के जरिये ही जवाब दिया है. आकांक्षा ओला ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधा और लिखा कि 81 साल की उम्र में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में थे लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनका सपना चकनाचूर कर दिया. इससे पहले 80 की उम्र में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने का सपना सोनिया गांधी ने चकनाचूर कर दिया था. गौरव भाटिया को भी आकांक्षा ओला ने तोतला और दल बदलू कहा. साथ ही बड़ों की इज्जत करने की भी नसीहत दे डाली.
एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि शीशराम ओला किसानों के कद्दावर नेता थे. जिनका जमीनी संघर्ष और जुड़ाव आज भी राजस्थान की माटी में समाया है. मरणोपरांत उनके प्रति ऐसी घटिया भाषा का प्रयोग किसानों और राजस्थान के प्रति भाजपाई दुर्भावना को दिखाता है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी ट्वीट कर लिखा कि शीशराम ओला आज दुनिया में नहीं हैं, उनका संदर्भ लेकर उनके बारे में अमर्यादित शब्दों का प्रयोग गौरव भाटिया की मानसिकता के साथ ही भाजपा की सोच को भी दर्शा रहा है. जिसने अपनी पार्टी बनाने वाले संस्थापकों से उम्र के उस दौर में किनारा कर लिया जब अपनों से सम्मान की उम्मीद थी.
शीशराम ओला पर गौरव भाटिया की टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों के साथ आने के पीछे कई कारण हैं. शीशराम ओला राजस्थान में जाटों के कद्दावर नेता थे. वही शीशराम ओला के बेटे विधायक बृजेंद्र ओला सचिन पायलट गुट के विधायक हैं. 2020 में राजनीतिक संकट के समय बृजेंद्र ओला भी उन 19 विधायकों में शामिल थे जो पायलट के साथ बाड़ेबंदी में गए थे.
गौरतलब है कि मोदी सरकार में कैबिनेट विस्तार के बाद विपक्षी सवाल उठा रहे थे कि कैबिनेट विस्तार में जाट नेताओं को स्थान नहीं दिया गया. जिसके बाद शुक्रवार रात को भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ट्वीट करते हुए लिखा " जून 2013 में कांग्रेस के मंत्रिमंडल विस्तार में 85 उम्र के शीशराम ओला को शामिल किया गया था. जिनका हिल गया था पुर्जा, उनमें मनमोहन सिंह ढूंढ रहे थे ऊर्जा".