जयपुर.प्रदेश की राजनीति में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की सियासी खींचतान किसी से छिपी हुई नहीं है. समय-समय पर पायलट और गहलोत या फिर उनके समर्थक एक-दूसरे पर इशारों-इशारों में हमला बोलते रहते हैं. लेकिन बुधवार को सीएम अशोक गहलोत ने देवनारायण बोर्ड के गठन को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर आभार जताने पहुंचे गुर्जर समाज के लोगों को संबोधित करते हुए पायलट के (CM Ashok Gehlot narrated the story related to the pilot ) पूर्व में केंद्रीय मंत्री बनने की कहानी सुनाई. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे सचिन पायलट का नाम मंत्री बनने के लिए आगे बढ़ा और उन्होंने क्या मदद की थी?.
देवनारायण बोर्ड (Formation of Devnarayan Board) का गठन गहलोत सरकार ने किया है. इस बोर्ड का अध्यक्ष भी गुर्जर समाज से आने वाले विधायक जोगिंदर सिंह अवाना को बनाया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद गुर्जर समाज के लोग सीएम गहलोत का आभार जताने के लिए मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे. प्रदेश के अलग अलग कोनों से आए लोगों को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत अपने राजनीतिक जीवन से लेकर पायलट के मंत्री बनने तक की बातों का जिक्र किया.
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पायलट के मंत्री बनाने में गहलोत की भूमिकाःअशोक गहलोत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी. राजस्थान में उस दौरान लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 20 सीटों पर जीत हासिल की थी. उन्होंने कहा कि उस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने मंत्री बनाने के लिए मुझसे कई नाम मांगे थे. केंद्रीय नेतृत्व ने उस समय मीणा समाज से नमोनारायण मीणा को मंत्री बनाया था. लेकिन मेरा मानना था कि गुर्जर समाज से भी कोई मंत्री बनना चाहिए. इसलिए मैंने सचिन पायलट के नाम की सिफारिश की थी.
पायलट ने भी मांगी थी मददः सीएम गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने 'मेरे पास फोन करके मंत्री बनाने के लिए मदद करने का आग्रह किया था. तब मैने उनसे कहा कि मैने बिना आपके कहे ही आपके नाम की रिकमेंडशन कर दी है. गहलोत ने कहा कि मैंने इस बात की किसी से चर्चा नहीं की. हमेशा से मेरी कोशिश 36 कौम को एक साथ लेकर चलने की रही है'.
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वसुंधरा सरकार ने गुर्जर समाज पर चलाई गोलियांःगहलोत ने कहा जब मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना था तब राजस्थान में कई जगह जातीय संघर्ष था . गहलोत ने कहा कि वसुंधरा सरकार ने आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जरों पर गोलियां चलवाई थी. इसमें 74 गुर्जरों की मौत हो गई थी. गुर्जर-मीणा समाज के बीच जातीय संघर्ष के हालात बन गए थे. उस वक्त दोनों समाजों में एकता और सद्भाव के लिए मैने कई कदम उठाए थे.
गुर्जर समाज कांग्रेस की प्राथमिकताः सीएम गहलोत ने कहा कि गुर्जर समाज को आरक्षण देने में कांग्रेस सरकार की अहम भूमिका रही है . देवनारायण बोर्ड का गठन करने का फ़ैसला भी हमारी सरकार का है. 'गहलोत ने कहा मैं 3 बार मुख्यमंत्री , 3 बार केंद्र में मंत्री रहा हूं और तीन बार ही PCC अध्यक्ष रहा हूं . मैं मेरे जीवन में राजनीतिक तौर पर पूरी तरीके से संतुष्ट हूं' .
गहलोत के बयान के सियासी मायनेः दरअसल प्रदेश में पिछले दिनों आए सियासी उबाल के बाद सीएम गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रिश्ते के बीच की खटास जग जाहिर है. पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने और बाद में राजनीतिक तौर पर उनके साथ जो कुछ घटित हुआ उसको लेकर गुर्जर समाज में काफी आक्रोश है. गुर्जर समाज को लगता है कि कांग्रेस ने समाज के एक नेता की राजनीति को नुकसान पहुंचाया है. समाज के लोगों की बड़ी नाराजगी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर है.
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यही वजह है कि सीएम गहलोत ने बुधवार को गुर्जर समाज के लोगों को संबोधित करते हुए इस बात का जिक्र किया कि किस तरह से उन्होंने गुर्जर समाज को प्राथमिकता के साथ आरक्षण का लाभ दिया. साथ ही स्कूटी योजना में भी स्कूटी की संख्या को 13000 से बढ़ाकर 20,000 की है. इन सबसे बड़ी बात सरकार ने देवनारायण बोर्ड का पहली बार गठन किया है . सीएम गहलोत ने सचिन पायलट के मंत्री बनने के किस्से को भी इसलिए शेयर किया ताकि समाज में एक संदेश जाए कि उन्होंने कभी भी समाज और सचिन पायलट को लेकर नकारात्मक सोच नहीं बनाई.