नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt) का जल्द कैबिनेट विस्तार होने हो सकता है. इस बीच सीएम गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. बता दें, इस बार कैबिनेट विस्तार सियासी गणित, गठजोड़ और ताकत दिखाने का अखाड़ा बन सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के रिश्ते अच्छे नहीं हैं.
कैबिनेट विस्तार के साथ बढ़ेगी विवाद की आशंका
राजस्थान में कैबिनेट विस्तार के साथ विवाद की आशंका जताई जा रही है. जानकारी मिल रही है कि राजस्थान में 13 नवंबर के बाद कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. कैबिनेट विस्तार एक बार फिर तकरार की जमीन बन रहा है. पायलट की चाहत मुख्यमंत्री बनने की है और गहलोत की कुर्सी से नहीं हटने की. इसी वजह से कैबिनेट विस्तार सियासी गणित, गठजोड़ और ताकत दिखाने का अखाड़ा बन सकता है.
आलाकमान जो कहेगा वो हमें मंजूर होगा कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी से कई मसलों पर बातचीत हुई है, जिनमें देश के मौजूदा हालात, खास तौर पर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ बढ़ रही महंगाई के मसले पर बात हुई. बता दें, सोनिया गांधी और अशोक गहलोत के बीच करीब आधे घंटे से ज्यादा देर तक बैठक चली.
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बैठक के बाद मीडिया से रूबरू करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि देश के हालात काफी विकट हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार को राज्यों की मदद करनी चाहिए.
कैबिनेट विस्तार को लेकर गहलोत का बयान
गहलोत ने कैबिनेट विस्तार को लेकर कहा कि मैंने पार्टी आलाकमान को मौजूदा हालात से अवगत करा दिया है. अजय माकन सब कुछ जानते हैं. पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा हम उसे स्वीकार करेंगे. मैं बस इतना चाहता हूं कि राज्य में सुशासन जारी रहे.
पेट्रोल-डीजल को लेकर बोले गहलोत
उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कहा कि केंद्र राज्यों को ईंधन की कीमतें कम करने के लिए कह रहा है. वे राज्यों को एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कराने की कोशिश कर रहे हैं. यदि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करती है, तो अंततः राज्यों में इसे कम किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से राज्यों को मदद की उम्मीद है पर ऐसा नहीं हो पा रहा है. पूरे देश में लूट मची हुई है. अशोक गहलोत ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में यह लग रहा है कि लोकतंत्र खतरे में है. सीबीआई, इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
दिल्ली में आलाकमान से मिले गहलोत और पायलट
बुधवार को सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट दिल्ली में आलाकमान से मिले. इस दौरान सीएम गहलोत ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और अजय माकन से मुलाकात की. हालांकि इस दौरान राहुल गांधी मौजूद नहीं थे, वहीं गहलोत से पहले सचिन पायलट भी केसी वेणुगोपाल और अजय माकन से मिले.
सूत्रों की मानें तो गहलोत की ताकत बढ़ सकती है और पायलट के हाथ फिर मायूसी लग सकती है. दिसंबर में राजस्थान की गहलोत सरकार को तीन साल पूरे होने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान जल्द से जल्द विस्तार चाहता है और क्योंकि राजस्थान उपचुनाव में नतीजे से हाईकमान खुश है इसलिए गहलोत को फ्री हैंड भी मिल सकता है.
कांग्रेस ने निकाला विवाद से बचने का फॉर्मूला
हालांकि, गहलोत और पायलट गुट के कई विधायक मंत्री बनने की चाहत रखते हैं, लेकिन सभी का नंबर आना मुश्किल है. ऐसे में विवाद से बचने का फॉर्मूला कांग्रेस बना चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, जिनको मंत्री नहीं बनाया जा सकेगा उन्हें बोर्ड, निगमों और स्वायत्त संस्थाओं में पद दिया जा सकता है. दूसरी तरफ, पायलट ने आलाकमान से पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वालों को मौका देने की मांग रखी.