जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. जिसमें प्रदेश में केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत स्वीकृत 16 नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन राजमेस सोसायटी के माध्यम से करने, बाल संरक्षण के क्षेत्र में नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार प्रारम्भ करने और भूमि आयटन प्रक्रिया अधिक सुगम और सरल बनाने के लिए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. साथ ही जन अनुशासन लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट, वैक्सीनेशन अभियान और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में भी चर्चा की गई.
बैठक में मंत्रिपरिषद ने केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत प्रदेश में स्वीकृत कॉलेजों और भविष्य में आने वाले सभी नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का संचालन राजस्थान नए मेडिकल मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजनेस) के अधीन किए जाने का निर्णय लिया है. इससे इन कॉलेजों का बेहतर प्रबंधन और सुगमता से संचालन हो सकेगा. साथ ही, हेल्थ सेक्टर में मानव संसाधन, विशेषकर चिकित्सकों की कमी को दूर करते हुए जनसंख्या के अनुरूप चिकित्सकों के अनुपात में सुधार लाया जा सकेगा. केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के दूसरे और तीसरे चरण में धौलपुर, बारां, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, सिरोही, बूंदी, सवाईमाधोपुर, टोंक, हनुमानगढ़, झुंझुनू, दौसा, अलवर और श्रीगंगानगर में नव स्वीकृत मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं.
राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी सेवा (सिंचाई शाखा) नियम 1967 में संशोधन
मंत्रिपरिषद ने जल संसाधन विभाग में कनिष्ठ प्रारूपकार (जूनियर ड्राफ्ट्समैन), अनुरेखक (ट्रेसर) और पटवारी की शैक्षणिक योग्यता में परिवर्तन के लिए राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी सेवा (सिचाई शाखा) नियम 1967 में संशोधन को मंजूरी दी है. इससें उच्च योग्यता के कार्मिक उपलब्ध होने से विभाग के तकनीकी कार्यों का सम्पादन बेहतर गुणवत्ता के साथ हो सकेगा. साथ ही नहरी क्षेत्रों में बाराबंदी आदि कार्यों के उचित संचालन एवं राजस्व वसूली में वृद्धि हो सकेगी.
नगरीय क्षेत्रों में भूमि आवंटन प्रक्रिया होगी अधिक सुगम
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की है. इससे भूमि आवंटन प्रक्रिया अधिक सुगम और सरल हो सकेगी और राजकीय विभागों के लिए आवश्यक भूमि का आवंटन स्थानीय निकाय स्तर पर हो सकेगा. इससे प्रीमियर संस्थानों को भूमि का आवंटन सुगम एवं शीघ्र होने से राज्य में निवेश प्रस्तावों का त्वरित क्रियान्वयन किया जा सकेगा.
पर्यटकों के लिए राजकीय अतिथि गृह योजना-2021 का अनुमोदन
बैठक में राजस्थान पर्यटन नीति-2020 के अनुसरण में तैयार की गई पर्यटकों के लिए राजकीय अतिथि गृह योजना-2021 का अनुमोदन किया गया. प्रदेश के प्राकृतिक वातावरण सुरम्य स्थलों पर स्थित राजकीय अतिथि गृहों में पर्यटकों के ठहराव के लिए यह योजना तैयार की गई है. इससे जैव विविधता के संरक्षण के साथ ही पर्यटकों को प्रदेश के ग्रामीण परिवेश, कला, उद्योग एवं संस्कृति की जानकारी मिल सकेगी और पर्यटन क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.
योजना में प्रारम्भिक तौर पर जल संसाधन, सार्वजनिक निर्माण और वन विभाग के पारिस्थितिकी पर्यटन स्थलों पर स्थित राजकीय अतिथि गृहों को पर्यटकों के लिए उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित किया गया है. बाद में अन्य विभागों के अतिथि गृहों को भी इससे जोड़ा जा सकता है.