जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को एक बार फिर राजस्थान में कोरोना की स्थिति को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की. वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक में भाग लेते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मैं कोरोना से संक्रमित हुआ हूं. ऐसे में मैं सब जनप्रतिनिधियों को यह बताना चाहता हूं कि इसमें दवाई के साथ ही मोरल बूस्टअप बहुत जरूरी है.
जनप्रतिनिधियों की बैठक में बोले डोटासरा पढ़ें-Rajasthan Corona Update: 16487 नये मामले आए सामने, 160 मरीजों की मौत, एक्टिव केसों की संख्या पहुंची 2,03017
डोटासरा ने कहा कि इसमें एक दूसरे को सहारा देना जरूरी है. यह बताने की जरूरत है कि वह भी ठीक हो गया और वह भी, ऐसा नहीं किसी को यह कहा जाए कि इस बीमारी से वह खत्म हो गया वो खत्म हो गया. जनप्रतिनिधि और सरपंच यह काम सबसे बेहतर कर सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने इंदिरा रसोई से खाना देने के नगरपालिका ओर नगरपरिषद को अपने फंड से पैसे के लिए अधिकृत किया है. यह अच्छा फैसला है.
वहीं, पेंशनर्स को लेकर जो निर्णय किया है कि पेंशनर्स को उपभोक्ता भंडार से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ही रामबाण औषधि है जो कोरोना की चेन तोड़ने में अपनी भूमिका सबसे बेहतर निभा सकता है. उन्होंने मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि मैं सोनिया गांधी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने जो निर्देश दिए थे की पार्टी आईडियोलॉजी, एनजीओ और भामाशाह से आग्रह करें, जिसके बाद पार्टी ने इन लोगों से बात की है. जिससे काफी लोग आगे आ रहे हैं और वे क्षेत्र में सीधे भी पैसे दे रहे हैं और मुख्यमंत्री सहायता कोष में भी.
डोटासरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई का ब्रांड एंबेसडर बताते हुए कहा कोरोना पॉजिटिव होकर भी आप 18 घंटे काम कर रहे हैं तो आपके अलावा कोई किससे सीख ले सकता है. कोरोना हुआ तो मैं एक-दो दिन उदास रहा था लेकिन आप लगातर काम मे जुटे हो.
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वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 10-20 कंपनियों को कानून लागू करके आप अधिकार दें कि वह कोरोना की दवा का निर्माण कर सकें. केवल दो कंपनियों की मोनोपोली नहीं चल सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में इंसान बचाने की चुनौती है. वहां कानून के नए रूप को प्रधानमंत्री को लागू करना चाहिए और मोनोपोली और पेटेंट खत्म करना चाहिए.
गहलोत ने कहा कि मुझे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को कोरोना वायरस साथ-साथ हुआ, लेकिन हम दोनों कंफर्टेबल हैं क्योंकि हम दोनों को वैक्सीन लग चुकी थी. ऐसे में हम कोरोना के खिलाफ जंग भी दोनों साथ मिलकर लड़ रहे हैं, चाहे सरकार हो चाहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी. क्योंकि अभी सरकार में हम लोग हैं ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. यह राजस्थान की संस्कृति रही है. चाहे मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया हो या फिर भैरों सिंह शेखावत. पक्ष-विपक्ष मिलकर इस लड़ाई को लड़े और कोरोना की लड़ाई अलग रखें और मानव मात्र की सेवा करें.