जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोगों की खून-पसीने की कमाई हड़पने वाली क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों से निवेशकों का पैसा दिलाने के लिए संबंधित एजेंसियां कानूनी प्रावधानों का अध्ययन कर जरूरत के हिसाब से उनमें बदलाव करें. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा गंभीर मामला है, जिसके कारण लाखों लोगों को मेहनत से कमाया पैसा गंवाना पड़ा. हमारा प्रयास है कि निवेशकों को उनका पैसा और अपराधियों को सजा मिले.
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सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के संबंध में समीक्षा के दौरान निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि गांव-ढाणी तक इन सोसायटियों ने अपना जाल बिछाकर गरीब लोगों को ठगा है, भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के साथ-साथ वर्तमान प्रकरणों में एसओजी, सहकारिता विभाग इत्यादि प्रभावी कार्रवाई अमल में लाएं.
बड़ी संख्या में हुआ लोगों से खिलवाड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसओजी इन प्रकरणों में त्वरित अनुसंधान करें ताकि निवेशकों को उनका पैसा को वापस दिलाने के लिए आगे की कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा कि केवल ’राज सहकार पोर्टल’ पर ही आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, सहारा सहित अन्य मल्टी स्टेट सोसायटीज और स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज के विरूद्ध पैसा हड़पने की 75 हजार से अधिक शिकायतें मिलना यह बताता है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों के साथ खिलवाड़ हुआ है.
सिस्टम विकसित करें विभाग
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए गृह, सहकारिता, वित्त एवं अन्य संबंधित विभाग मिलकर ऐसा सिस्टम विकसित करें, जिससे अनरेगुलेटेड (अनियमित) जमा स्कीम्स को हतोत्साहित किया जा सके, ताकि कोई भी अवैध सोसायटी अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों से पैसा न हड़प सके. लोगों को ऐसी सोसायटियों से बचाने के लिए जागरूक भी किया जाए.
ठगी के डेढ़ हजार से ज्यादा केस
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि सोसायटीज द्वारा ठगी के विभिन्न थानों में डेढ़ हजार से अधिक केस दर्ज हैं. कई प्रकरणों में कई अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. रजिस्ट्रार सहकारी समितियां मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण केन्द्र ने मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध दर्ज शिकायतों में इस्तगासे पेश करने के लिए राज्य सरकार के रजिस्ट्रार, सहकारी समितियों को अधिकृत कर दिया है. इससे केन्द्रीय रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत मल्टी स्टेट सोसायटियों पर राज्य में भी कार्रवाई की जा सकेगी.