जयपुर. देश भर में आज ईद मिलाद-उन-नबी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी है. सीएम गहलोत ने कहा कि सभी मुस्लिम भाई-बहनों से अपील की कि वे पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर सभी प्रदेशवासियों को दिली मुबारकबाद देते हुए अपने संदेश में कहा कि ईद-ए-मिलाद का यह मुबारक दिन हमें शांति, भाईचारा और अमन का माहौल कायम करने का पैगाम देता है. पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अपना पूरा जीवन गरीब और वंचित लोगों की भलाई के लिए समर्पित किया. उनके जीवन से हमें हक की राह पर चलने और जरूरतमंदों की मदद करने की प्रेरणा मिलती है. मुख्यमंत्री ने इस मुबारक मौके पर सभी मुस्लिम भाई बहनों से अपील की कि वे पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें.
जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व
इस्लाम को मानने वाले आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व मना रहे हैं. यह दिन इस्लाम को मानने वालों के लिए काफी खास एहमियत रखता है. इस दिन इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था. वहीं इसी दिन उनकी मृत्यु भी हुई थी. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी त्योहार को ईद-ए-मिलाद या मालविद के नाम से भी जाना जाता है. भारत के साथ ही दुनियाभर के कई देशों में इसे मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं.
इस दिन मोहम्मद साहब के जन्मदिन के खास मौके पर जुलूस निकाला जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने में ईद-मिलाद-उन-नबी का त्योहार दुनिया भर में मनाया जाता है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों में आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई जा रही है. सुन्नी और शिया संप्रदाय अलग-अलग दिनों में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाते हैं.
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का इतिहास
मुस्लिम समुदाय के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने की 12 तारीख को पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. इस्लामिक मान्यता के अनुसार पैगंबर साहब का जन्म 517 ईस्वी में हुआ था. बताया जाता है कि सबसे पहले ईद-ए-मिलाद का त्योहार मिस्त्र में मनाया गया था. वहीं, 11 वीं शताब्दी के आने के साथ ही पूरी दुनिया में इसे मनाया जाने लगा.