जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर ग्रुप, नोडल अधिकारियों और जिला कलेक्टर्स के साथ मीटिंग की. इस दौरान सीएम ने श्रमिकों के सुरक्षित आवागमन सहित अन्य विषयों पर चर्चा करते हुए जरूरी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में करीब 10 लाख प्रवासियों और श्रमिकों ने अपने गृह स्थान पहुंचने के लिए पंजीयन कराया है. इनमें से करीब 70 फीसदी संख्या राजस्थान आने वालों की है. श्रमिकों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारी इनके सुरक्षित आवागमन और क्वॉरेंटाइन सहित सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. साथ ही सीएम ने कहा है कि राज्य सरकार विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे के साथ समन्वय कर रही है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि श्रमिकों की संख्या, उनके गंतव्य स्थान, विशेष ट्रेनों के संचालन को अनुमति मिलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर रेलवे के अधिकारियों के साथ रूट प्लान तैयार कर लें, जिससे बिना किसी परेशानी के श्रमिक और प्रवासी अपने घर पहुंच सकें.
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी स्थानों पर स्क्रीनिंग और क्वॉरेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था पर भी जोर दिया. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि 14 जिलों में पॉजिटिविटी रेट एक प्रतिशत से कम है, जबकि राज्य का औसत 2.47 प्रतिशत है.
दीर्घकालिक-अल्पकालिक योजना बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोराना जैसी चुनौती से लड़ने के लिए प्रदेश के हर जिले में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना जरूरी है. सरकार के ऐसे प्रयास हैं कि हर जिले में जांच से लेकर उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हों. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कोरोना से जंग जीतने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों योजनाओं पर काम किया जाए, क्योंकि कोई नहीं कह सकता कि कोरोना से हमें कितनी लंबी लड़ाई लड़नी है.
आर्थिक गतिविधियों को भी शुरू करना बेहद जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन लगाना आसान है. लेकिन, उसे हटाना बेहद मुश्किल काम है. ऐसे में लॉकडाउन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी सुचारू करना बेहद जरूरी है. अगर सभी गतिविधियां लंबे समय तक बंद रहीं तो आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. ऐसे में कोरोना से लड़ना और मुश्किल भरा हो जाएगा. अधिकारी ऐसे प्रयास करें कि संक्रमण का फैलाव रोकते हुए आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाया जा सके.
अनुमत श्रेणियों के लिए सरलता से जारी हो पास
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी लॉकडाउन के दौरान पास जारी करने की व्यवस्था को सुगम बनाएं. लोग लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण पहले से ही पीड़ा झेल रहे हैं. ऐसे में पास को लेकर आने वाली समस्या उनमें तनाव पैदा कर सकती है. इसलिए पास जारी करने के लिए उचित सिस्टम हो. अनुमत श्रेणियों के लिए सरलता से पास जारी किए जाएं.
प्रदेश में बढ़ी है कोरोना जांच की क्षमता
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना जांच की क्षमता अब 9100 प्रतिदिन तक पहुंच गई है. पाली, बाड़मेर और सीकर में भी आईसीएमआर से जांच की अनुमति मिलते ही हमारी जांच क्षमता 10 हजार तक पहुंच जाएगी. अभी सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ ही झालावाड़, भीलवाड़ा, भरतपुर, डूंगरपुर, चूरू, जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल, जोधपुर के एम्स और मरूस्थलीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र में जांच सुविधा उपलब्ध है.
विशेष ट्रेनों के संचालन के सकारात्मक संकेत
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार से हुई वार्ता में राजस्थान के लिए विशेष ट्रेनों के संचालन पर सकारात्मक संकेत मिले हैं. खुद के वाहनों से दूसरे राज्यों और प्रदेश के जिलों में जाने के इच्छुक श्रमिकों और प्रवासियों को आसानी से पास उपलब्ध करवाएं जाएं. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए बॉर्डर पर और गंतव्य स्थान पर स्क्रीनिंग की प्रभावी व्यवस्था की जाए. जिन लोगों में सर्दी, खांसी एवं जुकाम (आईएलआई) के लक्षण हों, उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रखा जाए. साथ ही जो लोग स्वस्थ हों, उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में रखें.
तैयार किया जाए श्रमिकों का डाटा
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने कहा कि बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों को 14 दिन क्वॉरेंटाइन में रखा जाए. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक राज्य से बाहर जा रहे हैं. ऐसे में औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों की कमी ना रहे. इसके लिए बाहर से लौटने वाले श्रमिकों का रोजगार केंद्रों के माध्यम से डाटा तैयार किया जाए, जिससे श्रमिकों की योग्यता और जरूरत के अनुसार औद्योगिक इकाइयों में उनका नियोजन संभव हो सके।.
अब तक 7 हजार उद्योग शुरू हुए
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 20 अप्रैल से अब तक प्रदेश में 7 हजार से अधिक उद्योगों में उत्पादन शुरू हो गया है. इससे करीब एक लाख 30 हजार श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर मनरेगा में अधिक से अधिक संख्या में श्रमिकों को नियोजित करें, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके.