जयपुर.राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गतिरोध बना हुआ है, जिसे खत्म करने लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो इसी सप्ताह मंत्रिमंडल सचिवालय मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री को भेज देगा. जिसके बाद मुख्यमंत्री मंत्रियों के कामकाज का आंकलन करके तय करेंगे कि मंत्रिमंडल में कौन मंत्री बरकरार रहेगा और किसकी छुट्टी होगी. हालांकि, सोमवार 14 जून को आए सीएम गहलोत के बयान के बाद फिलहाल दो महीने तक मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावना कम ही नजर आ रही है.
कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी...
सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है या फिर कई कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं. मुख्यमंत्री की ओर से मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट तैयार करने की खबरों से तमाम मंत्रियों में अंदरखाने बैचेनी बढ़ी हुई है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोरोना काल के बीच ही सभी मंत्रियों के विभागों की समीक्षा बैठकर लेकर कामकाज की समीक्षा कर चुके हैं.
मुख्यमंत्री इसलिए ले रहे परफॉर्मेंस रिपोर्ट...
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार में अन्य विधायकों को शामिल करने के लिए यह कवायद शुरू की है, जिसके तहत कमजोर परफोर्मेंस वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा कर उनके स्थान पर नए लोगों को मौका दिया जाए.
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मंत्रिमंडल में 9 स्थान खाली...
गहलोत मंत्रिमंडसल में अधिकतम 30 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. फिलहाल, गहलोत मंत्रिमंडल में 9 स्थान खाली हैं, इनमें सियासी संकट के दौरान मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह भी हैं. इसके साथ ही कैबिनेट के एक अन्य सदस्य मास्टर भंवर लाल मेघवाल का निधन होने के चलते उनका स्थान भी कैबिनेट में खाली है.
बेहतर परफॉर्मेंस वाले हो सकते हैं प्रमोट...
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले राज्य मंत्रियों को कैबिनेट में प्रमोट कर सकते हैं. साथ ही बेहतर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को राज्यमंत्री के तौर पर भी भारी भरकम विभाग दिए जा सकते हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश में गहलोत सरकार बनने के बाद अभी तक मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार नहीं हो पाया है. मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार की मांग को लेकर इन दिनों सियासी गलियारों में चर्चा तेज है. सचिन पायलट कैंप के साथ ही अब गहलोत कैंप से जुड़े विधायकों ने भी जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की मांग तेज कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने जल्द मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की बात कही है.
गहलोत के आए ताजा बयान के बाद फिलहाल फेरबदल की संभावना कम...
बता दें कि पहले मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार जून के अंत में या जुलाई महीने के शुरुआत में प्रस्तावित था, लेकिन गहलोत के ताजा बयान के बाद इसपर विराम लगता नजर आ रहा है. दरअसल, सीएम अशोक गहलोत कोरोना (Corona) संक्रमित होने के बाद के नतीजे को देखते हुए एक से दो महीने व्यक्तिगत रूप से किसी से मुलाकात नहीं करेंगे. ऐसे में यह माना जा रहा है कि जब मुख्यमंत्री किसी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं करेंगे तो मंत्रिमंडल विस्तार भी संभव नहीं है. हालांकि, कई मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड सीएम तक भेजें जा चुके हैं और कइयों के अभी बाकी हैं. ऐसे में जब भी मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार होगा, इन रिपोर्टों की बड़ी भूमिका होगी.